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Betul News: आस्था का केंद्र है बैतूलबाजार का बावली माता मंदिर

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नि:संतान दम्पत्तियों की मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं मातारानी

Betul News: बैतूलबाजार। नगर  में माता मंदिर बावली आस्था का प्रमुख केंद्र है। नगर के भक्त वर्ष भर माता का पूजन करने के लिए पहुंचते हैं। मंदिर में करीब 500 वर्ष पुरानी माता का स्थान है जहां पर मनोकामना लेकर बड़ी संख्या में भक्त उमड़ते है। नवरात्र में यहां पर माता की मूर्ति की स्थापना की जाती है। प्रतिदिन पूजन आरती के साथ ही अष्टमी पर हवन कर भंडारा प्रसादी का वितरण किया जाता है। मंदिर की समिति के द्वारा वर्षों पुरानी बावली को संरक्षित कर रखा है जिससे आसपास के क्षेत्र में भू-जल स्तर में गिरावट नहीं आती है।


यह है मंदिर का इतिहास


बुजुर्ग बताते हैं कि छोटी सी मढिय़ा पर माता की मूर्ति विराजित थी। भगवान श्री गणेश भी नागदेवता की पत्थर पर उकेरी हुई मूर्तियां मौजूद थी। लोग अपनी मनोकामना लेकर यहां पहुंचते थे। जन सहयोग से वर्ष 1962 में मंदिर का निर्माण किया गया। नगर में एक मात्र माता का मंदिर होने के कारण यहां पर प्रतिदिन महिलाएं जल अर्पित करने और पूजन पाठ के लिए आती है। वर्तमान में मंदिर समिति के द्वारा विशाल भवन का निर्माण किया गया और मंदिर में भगवान श्री गणेश, संतोषी माता, भगवान भोलेनाथ हनुमान जी, नागदेव की मूर्तियों को व्यवस्थित रूप से प्राण प्रतिष्ठा कर स्थापित किया गया है।


आस्था का है प्रमुख केंद्र


माता मंदिर बावली सिद्ध स्थान होने की मान्यता के कारण जिले ही नहीं बल्कि आसपास के क्षेत्रों में प्रमुख आस्था का केंद्र है। यहां पर नि:संतान दंपती मनोकामना लेकर पहुंचते हैं और उन पर माता की कृपा भी होती है। मान्यता है कि यहां पर पांच मंगलवार माता को जल अर्पित करने से हर मनोकामना की पूर्ति हो जाती है। बच्चों को चिकन पाइस जैसी बीमारी होने पर भी माता की मूर्ति पर तीन दिन जल अर्पित करने से ठीक होने की मान्यता के कारण भी भक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र बना हुआ है। वर्ष 1962 में माता के मंदिर का निर्माण किया गया था। इसके बाद जन सहयोग से मंदिर की समिति के द्वारा जीर्णोद्धार का कार्य लगातार किया जा रहा है। मंदिर समिति के द्वारा नवरात्र के नौ दिन पूरे उत्साह और आस्था के साथ माता की मूर्ति की स्थापना कर पूजा अर्चना की जाती है। मंदिर से सटी बावली को भी समिति के द्वारा संरक्षित रखने के लिए लगातार प्रयास किए जाते हैं। मंदिर भवन में वहां जल को भी बावली में पहुंचाने के लिए सिस्टम बनाकर रखा गया है।


प्रहलाद वर्मा, अध्यक्ष माता मंदिर बावली, बैतूलबाजार।

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