Betul News : घटिया ट्राइसिकल मिलने से दिव्यांगजन हो रहे परेशान

5 माह में सड़क से बस पर आई मोटराइज्ड ट्राइसिकल

बैतूल (सांध्य दैनिक खबरवाणी) – केन्द्र सरकार से लेकर राज्य सरकार तक दिव्यांगजनों की मदद के लिए कई योजनाएं चला रही है। ऐसी ही एक योजना के तहत अक्टूबर 2021 में दिव्यांगजनों को मोटराइज्ड ट्राइसिकल यानी बैटरी वाली ट्राइसिकल वितरित की गई थी।

लाभांवित हितग्राहियों में से बड़ी संख्या में ऐसे कई दिव्यांगजन है, जिन्हें घटिया किस्म की मोटराइज्ड ट्राइसिकल वितरित की गई और अब वह इसे सुधरवाने के लिए 70-80 किमी दूर बस से ला रहे है, लेकिन सुधरने की बजाय उन्हें आज फिर ट्राइसिकल वापस ले जानी पड़ रही है। 15 दिन बाद उन्हें दूसरी बार बुलाया है।

दरअसल, जिला अस्पताल परिसर में स्थित जिला दिव्यांग एवं पुनर्वास केन्द्र में सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग ने आज शिविर का आयोजन किया था। इस शिविर में अक्टूबर 2021 में 116 हितग्राहियों को मोटराइज्ड ट्राइसिकल वितरित की गई थी। इनकी सप्लाई जबलपुर स्थित एलेम्को (्र्ररुरूढ्ढष्टह्र)द्वारा की गई थी। कुछ दिन अच्छे से चलने के बाद इन ट्राइसिकल में खराबी आना शुरू हो गई।

लाभांवित हितग्राहियों का कहना है कि सबसे बड़ी समस्या यह ट्राइसिकल घाट पर नहीं चढ़ती है। कहीं ब्रेक, हैडलाइट और बैटरी की भी समस्या सामने आई है। ऐसे ही 40 हितग्राही आज शिविर में अपनी ट्राइसिकल लेकर पहुंचे थे। शिविर में इन ट्राइसिकलों का टेक्निकल टीम ने परीक्षण किया और सामान की सूची बनाई है। 15 दिन के बाद यह टीम सामान लेकर आएगी फिर ट्राइसिकल सुधारी जाएगी। जिससे हितग्राहियों को दोबारा ट्राइसिकल लेकर आना पड़ेगा।

फोन करके पूछी गई थी समस्या

सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग के प्रभारी उप संचालक संजीव श्रीवास्तव का कहना है कि बैतूल कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस ने निर्देश दिए थे कि जिन हितग्राहियों को मोटराइज्ड ट्राइसिकल वितरित की गई है, उनसे फोन कर पूछा जाए कि उन्हें इसमें कोई समस्या तो नहीं आ रही है।

इसी को लेकर हितग्राहियों से बात की गई और 40 हितग्राहियों ने समस्या बताई कि बैटरी, ब्रेक और हैड लाइट के अलावा अन्य समस्याएं है। इसकी सूची तैयार करके जबलपुर पत्र लिखा गया और इसी तारतम्य में शिविर का आयोजन किया गया है। जल्द ही ट्राइसिकल में जबलपुर में सामान आने के बाद सुधार किया जाएगा।

चलते-चलते फॉल्ट आ जाता है: वर्मा

जबलपुर से आए एलेम्को कंपनी के कविन्द्र नाथ वर्मा ने बताया कि ड्रिस्ट्रिब्यूशन यहां पर 10 अक्टूबर 2021 को किया था। चलते-चलते गाड़ी में फाल्ट आ जाता है। उसमें जो फाल्ट आया है, उसे देखने आए है। शिकायत दर्ज करने जिनकी फाल्ट है, जिनका सामान खराब है यहां से हम लोग चैक करके जबलपुर ले जाएंगे। फारमेट बनाने के बाद वहां से पूरा सामान आ जाएगा। 15 दिन में सामान आ जाएगा। फिर सामान बदल दिया जाएगा। ज्यादातर दिक्कत इसमें बैटरी और चार्जर में आती है। यहां पर बैतूल जिले में 25 लोगों को ट्राइसिकल दी है।

घाट पर जाकर अटक जाती है ट्राइसिकल: धुर्वे

जिला मुख्यालय से करीब 90 किमी दूर ग्राम अमरावती घाट से शिविर में पहुंचे अजाब संतराम जी धुर्वे का कहना है कि मेरी ट्राइसिकल की यह दिक्कत है कि वह रेस नहीं पकड़ रही है। घाट पर जाकर ट्राइसिकल अटक जाती है। फिर किसी का इंतजार करना पड़ता है, तब जाकर ट्राइसिकल आगे बढ़ पाती है। मै यहां पर आया तो हूं पर कोई समाधान नहीं हुआ।

मोटराइज्ड ट्राइसिकल नहीं ये मुसीबत है: राठौर

खुशीराम राठौर कुम्हारिया ट्राइसिकल में दिक्कत बहुत है। घाट तो चढ़ती ही नहीं है। घाट में खड़ी हो गई तो पलटने का डर लगा रहता है। रात में बहुत दिक्कत जाती है। गाड़ी जब फंस जाती है या रूक जाती है, तब रास्ते पर इंतजार करना पड़ता है कि कोई व्यक्ति आए और धक्का लगाए। क्या मतलब ऐसी गाड़ी का।

ऐसी ट्राइसिकल देना था कि कम से कम घाट तो चढ़ जाए। यह मोटराइज्ड ट्राइसिकल नहीं मुसीबत है। बैतूल आए थे, कोई समस्या का समाधान नहीं हुआ। यहां पर यह बोला कि यह साइकिल तो ऐसी ही बनी हुई है, घाट चढ़ाने के लिए नहीं बनी है। अच्छी साइकिल देना था शासन ने। इसकी कीमत कुल 42 हजार रूपए है। अगर साइकिल दी है तो अच्छे से चलना चाहिए तो काम की बात है।

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