कुंए में उतरकर मिट्टीयुक्त गंदा पानी पीने को विवश आदिवासी, खाली मटके लेकर जाएंगे मतदान केंद्र करेंगे मतदान का बहिष्कार
खेड़ी सांवलीगढ़(मनोहर अग्रवाल) – ग्रामीण अंचलों में पेयजल को लेकर ग्रामीण किस कदर परेशान हो रहे हैं इसका प्रत्यक्ष उदाहरण कुंए में उतरकर ग्रामीण मिट्टीयुक्त गंदा पानी पीते ग्रामीणों को देखकर मिल रहा है। पीने के पानी के आदिवासी बहुल गावों में हाहाकार मचा हुआ है और पेयजल उपलब्धता मुहैया कराने वाले लोक स्वास्थ यांत्रिकीय विभाग के अधिकारी इन गांवों की सुध तक नहीं ले थे। यहां तक कि स्थानीय ग्राम पंचायत तमाशबीन बने बैठे है। ग्रामीण गांव के सब जल स्त्रोत बंद होने पर गांव के पंचायती कुएं में थोड़ा बहुत इक्_ा पानी कुएं में उतर कर पानी भरने को मजबूर है।
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विकासखंड भीमपुर की ग्राम पंचायत चूनालोमा के बेहड़ाढाना की आबादी लगभग दो हजार है। पीने के पानी के लिए ग्राम पंचायत पीएचई विभाग ने हैंडपंप लगाए गए वे सभी बंद हो गए हैं। जल जीवन मिशन के अंतर्गत ग्राम में घर-घर नल लगाए गए लेकिन नल योजना यहां फेल होती नजर आ रही है। लोग दूर दराज क्षेत्रों से पानी ला रहे है। पंचायती कुंआ जिसमे ग्रामीण उतर कर बाल्टियों को भरकर देते है जो बचा हुआ गंदा पानी है उसी से पानी की आपूर्ति करने को विवश है।
ग्राम की महिला गीता पांसे, सुमरती चौहान का कहना है कि वे सभी मतदान का विरोध करते है और मतदान के दिन खाली मटके गुंडियां लेकर वे मतदान केंद्र तक जाकर विरोध करेंगे। ग्राम के काशीराम शेखलाल का कहना है सरकार की मंशा तो गांव घर तक पानी पहुंचाने की है लेकिन अधिकारी उनकी मंशा को पलीता लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे है मतदान के पूर्व पानी की व्यस्था जिला प्रशासन को करना चाहिए। ग्रामीणों का कहना है कि वह मतदान के दिन खाली मटके लेकर मतदान केंद्र पहुंचेंगे और मतदान का बहिष्कार करेंगे।
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