खीरा की खेती की जानकारी: भारत में खीरे की खेती बहुत सारे राज्यों में की जाती है। यह एक महत्वपूर्ण खेती है क्योंकि खीरे का उत्पादन गर्मी के मौसम में ज्यादा होता है और इसकी डिमांड बाजार में भी अधिक होती है। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है और उनका बैंक बैलेंस भी बढ़ जाता है।
खीरे की खेती से किसान का भरेगा बैंक अकाउंट में पैसा ही पैसा बस अपनाना है यह तरीका।
खीरा की खेती गर्मी के मौसम में किसान करते है तो सब से अच्छी कमाई होने की शक्यता रहती है पर कई किसान भाई को बहुत खीरे की खेती की जानकारी बहुत नहीं होती है इस लिए इन किसान को थोड़ा बहुत नुकशान भी हो शकता है। पर हमारे कृषि वैज्ञानिक ने बताया की किसान को देसी खीरा की खेती में या बालम खीरा की खेती के कुछ बातो का ध्यान रखे और कुछ तौरतरीके के कार्य किया जाए तो उत्पादन बंपर प्राप्त होगा और मुनाफा भी अधिक होगा।
आज के इस खबरवानी.Com के इस आर्टिकल के माध्यम से हम जानेंगे की खीरे की खेती कैसे करें (Khira Ki Kheti Kaise Karen) ताकि उत्पादन अधिक मिले और कमाई भी अच्छी हो शके इन के अलावा बालम खीरा, देसी खीरा की खेती सभी पर अधिक बात सीत करेंगे और जानेंगे। इस लिए आप को हमारे साथ इस आर्टिकल के अंत तक जरूर बने रहे।
खीरा की खेती की जानकारी (Khira Ki Kheti Ki Jankari)
हमारे किसान भाई मार्च में यानि की गर्मी के दिनों शुरू होने के ठीक आरंभ में खीरा की खेती करना शुरू कर देते है। आगे चल के गर्मी के दिनों में खीरा की मांग मार्केट में बहुत होती है इस लिए इन के बाजारी भाव भी अच्छी मिलते है। हमारे कृषि वैज्ञानिकको का कहना है की गर्मी के दिनों में जो भी किसान खीरे की खेती करे उसे एक एकड़ से 245 से 250 क्विंटल तक का उत्पादन मिलना चाहिए इन से आगे भी मिल शकता है। पर इन बातो का ध्यान जरूर रखे
खीरे की खेती से बंपर उत्पादन पाना है तो आप को खीरे की खेती करने से पहले मिट्टी का जांच करवा ना होगा। और खीरे की खेती अच्छी उपजाव और जल निकास वाली, कार्बनिक पदार्थ वाली बलुई और दोमट मिट्टी को पसंद करें। और मिट्टी के पीएच नाप की बात करें तो 6 से लेकर 7.5 तक का अच्छा माना जाता है। खीरे की खेती जायद मौसम में अगेती खीरा की खेती फरवरी से मार्च महीने के एंड तक कर शकते है। और आप खरीफ मौसम में करना चाहे तो जून महीने से जुलाई महीने के बिच कर शकते है।
खीरा की उन्नत किस्में कौन कौन सी है? | देसी खीरा की खेती
खीरे की उन्नत किस्में भारत में विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्ध हैं। खेती करने से पहले, किसानों को यह ध्यान देना चाहिए कि उनके क्षेत्र में या निकटवर्ती बाजार में कौन सी खीरे की किस्म का अधिक मूल्य है। वे उसी किस्म का चयन करें जिससे उन्हें अधिक मुनाफा हो सके।
खीरे की लोकप्रिय किस्में की बात करें तो स्वर्ण अगेती, पूसा बरखा, कल्यानपुर हरा खीरा, पूना खीरा, स्वर्ण पूर्णिमा, पूसा उदय, पंजाब सलेक्शन, स्वर्ण शीतल, पूसा बरखा इन से भी अधिक खीरा की किस्में हमारे देश में मौजूद है इन में से जो ज्यादा आपके विस्तार में मांग रहती है उस किस्में को आप पसंद करे और समय सर बीज बुवाई कर शकते है।
खीरे की खेती कैसे करें (Khira Ki Kheti Kaise Karen)
खीरे की खेती से अच्छी यानि के बंपर उत्पादन प्राप्त करने के लिए इन की खेती मेड़ तैयार कर के करनी चाहिए और मेड़ की मेड़ से दुरी 1.5 से 2 फिट तक की रखनी चाहिए। और जब खीरे के एक बीज से बीज की दुरी 1 फिट तक रख शकते है। खीरे के पौधे लता (बेल) वाले होते है। इस लिए हर पौधे के पास एक लकड़ी का डंडा लगा दे ताकि पौधा बड़ा होकर मेड पर बड़ी आसानी से चढ़ाया जा शके।

हमारे एक किसान ने हमें बताया की खीरे की खेती में जब हम बीज की रोपाई करते है तब कई बार ऐसा होता है की बीज नहीं अंकुर होता है और देखने पर पता चलता है की जिस बीज को हमने अच्छे से लगाया था उस को चूहे ने निकाल लिए होता है और ख़राब कर दिया होता है इस लिए जब भी आप बीज को लगाईं तब बीज को अच्छे से उपचारित कर के लगाए और बीज लगाने के बाद तुरंत एक सिंचाई करे।
अगर आप खीरा की खेती में बीज के बजाए खीरे के छोटे पौधे की रोपाई करें तो सब से अच्छा रहेंगे। और खीरे की खेती में ड्रिप सिस्टम है तो सब से अच्छा उत्पादन मिलने वाला है क्यों की ड्रिप के करना कम पानी में भी अच्छी सिंचाई होती है और खीरे की खेती में जो खाद देना है वे भी अच्छे से पौधे की जड़ो में उतर जाता है और पौधे का अच्छा विकास होता है।
खीरा की खेती में यह सब बातो पर अच्छे से ध्यान रखे तो बुवाई के बाद 45 से 50 दिन में खीरा की तुड़ाई शुरू हो जाती है और धीरे धीरे पौधे का विकास बढ़ता है उसी प्रकार उत्पादन भी अधिक प्राप्त होता है। एक अकड़ से 240 से 250 क्विंटल तक पैदावार मिलती है। गर्मी के दिनों में इन की मांग अधिक रहती है इस लिए भाव भी ज्यादा मिलते है और किसान की बैंक बैलेंस भी तेजी से बढ़ता है।
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बालम खीरा क्या है?
आप ने कभी ना कभी बालम खीरा का नाम भी चुना होगा यह बालम खीरा का पौधा बेल वाला नहीं होता है यह बालम खीरा का पौधा बड़ा होकर पेड़ हो जाता है। यह बालम खीरा का मूल स्थान हमारा देश भारत नहीं है पर हमारे देश के कुछ विस्तार में इस बालम खीरा की खेती भी की जाती है। इन का मूल स्थान पश्चिम अफ्रीका है।
बालम खीरा का पेड़ (वृक्ष ) आप को उष्ण कटबंधीय विस्तार में देखने को मिलेगा और इस पेड़ को उष्ण कटबंधीय जलवायु ही अनुकूल आती है। इन के पेड़ पूर्ण सुप से विकसित हो जाने के बाद इन की उचाई 15 से लेकर 20 मीटर तक की होती है। इन में जो फल लगते है वे खीरा की तरह दिखाई देते है और इन के फल का इस्तेमाल पथरी की बीमारी में और पेट की कई सारी बीमारी में ठीक होने के लिए किया जाता है।
आज के इस आर्टिकल में हम ने आप को नमो खीरा की खेती की जानकारी (Khira Ki Kheti Ki Jankari) इन के बारे में अच्छी जानकारी बताई है। यह आर्टिकल आप को सेम की खेती के लिए बहुत हेल्फ फूल होगा और यह आर्टिकल आप को पसंद भी आया होगा ऐसी हम उम्मीद रखते है। और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा किसान भाई और अपने मित्रो को शेयर करे।

हमारे इस ब्लॉग khabarwani.com पर हर हमेेश किसान को खेती की विविध फसल के उन्नत बीज से लेकर उत्पादन और इन से होने वाली कमाई और मुनाफा तक की सारी बात बताई जाती है। इन के अलावा जो किसान के हित में सरकार की तरफ से चलाई जाने वाली विविध योजना और खेती के नई तौर तरीके के बारे में भी बहुत कुछ जानने को मिलेगा।
खीरे की खेती से किसान का भरेगा बैंक अकाउंट में पैसा ही पैसा बस अपनाना है यह तरीका।
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