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Congress me gutbaazi :नहीं थम रहीं कांग्रेस में गुटबाजी, जिपं चुनाव में कई उम्मीदवार हुए प्रभावित

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बैतूल – कांग्रेस में गुटबाजी कोई नई बात नहीं है। नेता कितनी भी दुहाई दे ले कि हम सब एक हैं उसके बावजूद जब भी कोई चुनाव आता है या कांग्रेस संगठन में पदाधिकारियों की नियुक्ति होती है तब जिले में कई गुटों में बंटी कांग्रेस के नेता फिर से खुलकर आमने-सामने आ जाते है। और इसका सीधा-सीधा नुकसान बेचारे कांग्रेस के उन उम्मीदवारों को होता जिनकी गर्दन चुनाव मैदान में फंसी रहती है। और इसी गुटबाजी के चलते उन्हें अधिकांश चुनाव क्षेत्रों में हार का सामना करना पड़ता है। ऐसा ही कुछ जिला पंचायत क्षेत्र के मतगणना के बाद कल सामने आए 8 निर्वाचन क्षेत्रों के जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव रूझानों से स्पष्ट हो रहे हैं। बैतूल विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक 01, 02, 03 में मतगणना होने के बाद कल रूझान में भाजपा समर्थित उम्मीदवार तीनों ही जगह काफी आगे हो गए हैं। इन तीनों क्षेत्रों में कांगे्रस ने भी अपने समर्थित उम्मीदवार उतारे थे।

वार्ड नं. 01

सबसे पहले वार्ड नं. 01 की बात करें तो अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित इस क्षेत्र में भाजपा ने हंसराज धुर्वे और कांग्रेस ने रामकिशोर धुर्वे को समर्थन दिया था। बताया जा रहा है कि कांग्रेस के दूसरे गुट ने इस वार्ड से सुभाष फत्तू उइके को चुनाव लड़वाया था। परिणाम तो बाद में आएगा रूझानों से यह स्पष्ट हो रहा है कि यहां दो कांग्रेसियों की लड़ाई में भाजपा समर्थित हंसराज धुर्वे निर्वाचित होने की स्थिति में है।

वार्ड नं. 02

सबसे प्रतिष्ठित माने जाने वाले और चर्चाओं में रहे इस वार्ड से भाजपा ने शैलेंद्र कुंभारे को समर्थन दिया था। तो कांग्रेस ने दिग्गज कांग्रेस नेता नारायण सरले को अपना उम्मीदवार बताया था। कुंभारे के लिए जहां हेमंत खण्डेलवाल ने जनसंपर्क किया वहीं सरले के लिए विधायक निलय डागा भी क्षेत्र में घूमे। लेकिन इस क्षेत्र से कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे पूर्व मंत्री स्व. अशोक साबले के छोटे भाई विजय साबले भी दमखम से मैदान में उतरे और उनका नामांकन फार्म जमा कराने के लिए कांग्रेस के कई बड़े पदाधिकारी कलेक्ट्रेट पहुंचे थे। चुनाव रूझान की जो स्थिति सामने आ रहे हैं उसके अनुसार भाजपा समर्थित शैलेंद्र कुंभारे बड़े माॢजन से चुनाव जीतने की स्थिति में है। राजनैतिक समीक्षकों का मानना है कि विजय साबले अगर चुनाव नहीं लड़ते तो कांग्रेस समर्थित नारायण सरले और अच्छी स्थिति में होते।

वार्ड नं. 03

इस वार्ड से कांग्रेस ने शंकर तुमडाम को समर्थन दिया था। वहीं भाजपा ने जगन जौहर सिंग उइके को अपना उम्मीदवार बताया था। मिली जानकारी के अनुसार यहां इस वार्ड से भी असंतुष्ट कांग्रेसियों ने हाथीङ्क्षडगर निवासी मुन्नालाल वाडिवा को चुनाव मैदान में उतार दिया। चुनाव रूझान यह बता रही है कि इन दो की लड़ाई में यहां से भी भाजपा समर्थित जगन उइके जिला पंचायत सदस्य बनने की स्थिति में आ रहे हैं।

वार्ड नं. 04

घोड़ाडोंगरी विधानसभा क्षेत्र के इस वार्ड में भी कांग्रेस विचारधारा के दो उम्मीदवार दिखाई दिए। जिसमें से अधिकृत उम्मीदवार शिवकांति कवड़े के अलावा फायर ब्रांड युवा नेत्री स्मिता धुर्वे भी चुनाव लड़ ली। यहां से भी ऐसी ही स्थिति बताई जा रही है। सूत्रों के अनुसार भाजपा समर्थित बिलकिस बारस्कर चुनाव जीत रही हैं।

वार्ड नं. 14

आमला विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले इस क्षेत्र से भाजपा ने सुखदयाल चुन्नीलाल को तो अपना समर्थक घोषित किया था लेकिन कांग्रेस गुटबाजी के चलते इस वार्ड से अंत तक किसी को भी अपना उम्मीदवार नहीं बता पाई। यहां मतगणना का रूझान भाजपा समर्थित के खिलाफ जाता दिखाई दे रहा है। लेकिन कांग्रेस भी इस वार्ड से जीतने की ओर बढ़ रहे हितेश निरापुरे को चाहकर भी अपना नहीं बता पा रही है। जबकि निरापुरे सारनी क्षेत्र के प्रमुख कांग्रेसियों के फालोअर माने जाते हैं। यदि पार्टी गुटबाजी को परे रखकर हितेश निरापुरे को समर्थन दे देती तो कम से कम कहने को तो यह हो जाता कि इन 8 निर्वाचन क्षेत्रों से कोई तो पार्टी का जीत की ओर अग्रसर हो रहा है।

गौरतलब है कि कांग्रेस में अभी की स्थिति में संतुष्टों की सूची में जिला कांग्रेस अध्यक्ष सुनील शर्मा, विधायक निलय डागा, विधायक ब्रम्हा भलावी, प्रदेश कांग्रेस सचिव समीर खान माने जा रहे हैं। वहीं असंतुष्टों का ठप्पा लगने वालों में जिला कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष हेमंत वागद्रे, वरिष्ठ पदाधिकारी अरूण गोठी की गिनती की जा रही है।

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