
दो महामंत्री कांग्रेस से आए तीसरा कांग्रेस में गया
Political News – बैतूल – अक्टूबर 1980 में भारतीय जनता पार्टी के गठन के बाद पार्टी ने संगठन पर विशेष ध्यान दिया। और यह भी ध्यान रखा कि प्रदेश और जिला स्तर पर पदों की संख्या सीमित रहे ताकि पदो का महत्व बना रहे। जिला स्तर पर अध्यक्ष, एक महामंत्री, कोषाध्यक्ष, तीन उपाध्यक्ष और बाकी कार्यकारिणी सदस्य जैसी व्यवस्था रखी गई। बाद में परिवर्तन किया जाकर तीन महामंत्री का मनोनयन होने लगा। अध्यक्ष के बाद महामंत्री ही ऐसा पद है जिसका विशेष महत्व है।
बैतूल जिला भाजपा में 1980 से 2023 तक मात्र तीन आदिवासी नेताओं को जिला महामंत्री जैसे पद को सुशोभित करने का अवसर मिला है। लेकिन इन तीनों ही आदिवासी महामंत्रियों का प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस से किसी ना किसी तरह का कनेक्शन रहा है। 1980 के 33 साल बाद पहली बार 2013 में भौंरा क्षेत्र के भूरेलाल चौहान को, 2016 में भैंसदेही के संावलमेंढ़ा क्षेत्र के श्रीराम भलावी और 2019 में दामजीपुरा क्षेत्र के राहुल चौहान को यह पद प्राप्त हुआ।
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कांग्रेस से आकर भाजपा में बने महामंत्री | Political News

भौंरा से चूरना जाने वाले मार्ग पर धपाड़ा गांव में रहने वाले भूरेलाल चौहान शुरू से कांग्रेस में रहे। लेकिन 2008 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से टिकट ना मिलने के कारण विद्रोह कर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में उतर गए। और लगभग 5 हजार वोट प्राप्त किए। भूरेलाल के चुनाव लडऩे से कांग्रेस के तत्कालिन उम्मीदवार पूर्व मंत्री प्रताप सिंह लगभग 4 हजार वोट से चुनाव हार गए। 2009 में भूरेलाल भाजपा में शामिल हो गए और 2013 में उन्हें जिला महामंत्री बनाया गया। और 2015 तक भूरेलाल महामंत्री रहे। उस समय अनिल सिंह कुशवाह जिला भाजपा अध्यक्ष थे। इस तरह से भाजपा के पहले आदिवासी जिला महामंत्री पूर्व कांग्रेसी थे।
भाजपा से कांग्रेस में पहुंचे भलावी

भैंसदेही विधानसभा क्षेत्र के सांवलमेंढ़ा के रहने वाले भाजपा कार्यकर्ता श्रीराम भलावी को पार्टी ने बड़ा सम्मान देते हुए 2016 में संगठन में जिला महामंत्री बनाया। उस समय जितेंद्र कपूर जिला भाजपा अध्यक्ष थे। 2018 के विधानसभा चुनाव में भैंसदेही सीट से भाजपा की टिकट ना मिलने के कारण श्रीराम भलावी ने पार्टी को टाटा बाय-बाय कर दिया। और कुछ दिनों बाद कांग्रेस में शामिल हो गए। लेकिन कांग्रेस ने भी श्रीराम भलावी को ना तो 2018 में उम्मीदवार बनाया और ना ही 2023 में बना रही है। इस तरह से भाजपा के दूसरे आदिवासी जिला महामंत्री ने कांग्रेस का दामन थाम लिया।
कांग्रेस से आए भाजपा में छाए | Political News

कांग्रेस के पूर्व विधायक सतीष चौहान के पुत्र और भैंसदेही क्षेत्र की राजनीति में तेजी से उभरते हुए युवा नेता राहुल चौहान को अचानक 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया था लेकिन ऐन वक्त पर हाथ में आई टिकट छीन ली थी। इसके बाद 2018 के विधानसभा एवं 2019 के लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने राहुल को टिकट देना उचित नहीं समझा। इससे रूष्ट होकर राहुल चौहान 2019 में ही भाजपा में शामिल हो गए।
भाजपा में आते से ही राहुल का सितारा चमका और उन्हें 2021 में जिला महामंत्री बना दिया गया। और यह नियुक्ति भाजपा जिलाध्यक्ष आदित्य बबला शुक्ला के कार्यकाल में हुई है। इस तरह से भाजपा के तीसरे आदिवासी महामंत्री कांग्रेस से ही आए थे।