ट्रेन में यात्री ने किया हंगामा वीडियो हुआ वायरल
halal tea video – इन दिनों सोशल मीडिया पर एक चाय पर जम कर बवाल मचा हुआ है। और ये बवाल कहीं और नहीं बल्कि भारतीय रेलवे की ट्रेन में हुआ जहां एक शख्स को जब हलाल सर्टिफाइड चाय परोसी गई तो उसने जमकर हंगामा कर दिया। और परोसी गई चाय पर कई सवाल उठाए।
जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल हो रहे वीडियो में देखा जा सकता है की ट्रेन में यात्री और रेलवे के कर्मचारी के बीच बहस चल रही है। वीडियो में आप यात्री को कहते हुए सुनेंगे की ये हलाल प्रमाणित चाय क्या है और इसे सावन में क्यों परोसा जा रहा है। कर्मचारियों ने यात्री को समझाया कि चाय शाकाहारी होती है।
स्वास्तिक सर्टिफाइड चाय की मांग | halal tea video
वीडियो में देखा जा सकता है की दोनों के बीच काफी देर बहस चलती है यात्री अपनी बात पर अडिग रहता है कि सावन का महीना चल रहा है और आप हमें हलाल-सर्टिफाइड चाय पिला रहे हैं?
वीडियो में आगे रेलवे कर्मचारी ने पैकेट को दिखाते हुए कहा कि यह मसाला चाय प्रीमिक्स है। मैं समझाता हूं। यह 100% शाकाहारी है। फिर यात्री पूछता है कि हलाल प्रमाणित क्या है? सावन चल रहा है, मुझे पूजा करनी है। रेलवे कर्मचारी ने पूछा कि क्या आप वीडियो बना रहे हैं? यह 100% शाकाहारी है। चाय वेज ही होती है सर। यात्री ने कहा कि मुझे कोई धार्मिक प्रमाणपत्र नहीं चाहिए। कृपया इन भावनाओं को ध्यान में रखें। मुझे स्वास्तिक प्रमाण पत्र वाली चाय दीजिए। रेलवे कर्मचारी आगे से ध्यान रखने की बात कहकर वहां से चला गया।
सोशल मीडिया पर उठे सवाल
वीडियो के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर नई बहस छिड़ गई है। कई यूजर्स सवाल उठा रहे हैं कि चाय प्रीमिक्स को हलाल प्रमाणीकरण की आवश्यकता क्यों है। कुछ यूजर्स ने रेलवे अधिकारी के धैर्य की सराहना की है। वीडियो को ट्विटर पर Jagdish Shetty नाम के यूज़र द्वारा शेयर किया गया है।
क्या है हलाल सर्टिफाइड ? | halal tea video
हलाल सर्टिफिकेशन पहली बार 1974 में वध किए गए मीट के लिए शुरू किया गया था। 1993 तक इसे केवल मीट प्रॉडक्ट्स पर लागू किया गया था। फिर इसे अन्य खाद्य पदार्थों और सौंदर्य प्रसाधनों, दवाओं आदि तक भी बढ़ाया गया।
अरबी में, हलाल का अर्थ है अनुमति योग्य और हलाल-प्रमाणित का तात्पर्य इस्लामी कानून का पालन करते हुए तैयार किए गए भोजन से है। हलाल मांस एक ऐसे जानवर के मांस को संदर्भित करता है जिसे गले की नसों पर चोट करके मारा गया है। एक वार में उसे मारा नहीं गया हो।