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एमपी से 2 और नई वंदेभारत ट्रेनें, तीन राजधानियां जुड़ेंगी, कम समय में पूरी होगी यात्रा

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भोपाल: मध्य प्रदेश में बड़ी संख्या में उत्तर प्रदेश और बिहार के लोग रहते हैं, लेकिन लखनऊ और पटना के लिए नियमित ट्रेनें न होने की वजह से यात्रियों का अपने गृह क्षेत्रों तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है। अब उत्तर प्रदेश और बिहार में रहने वाले लोगों को भोपाल से सीधी रेल सुविधा मिलेगी। दोनों राज्यों की राजधानियों के लिए भोपाल से वंदे भारत का शुभारंभ होना है। इसका लंबे समय से इंतजार किया जा रहा था, लेकिन भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन पर तीसरी पिट लाइन तैयार न होने की वजह से वंदे भारत का संचालन टलता जा रहा है। सोते हुए पटना पहुंचेंगे यात्री, बचेगा 4 घंटे का समयः रेलवे अधिकारियों ने बताया कि रानी कमलापति से पाटलिपुत्र तक स्लीपर कोच वाली वंदे भारत चलाई जाएगी। इसमें 16 कोच होंगे। बता दें कि भोपाल से पटना की दूरी करीब 850 किमी है। अभी इस रूट पर चलने वाली ट्रेनों को भोपाल से पटना पहुंचने में 18 से 20 घंटे लगते हैं। नई वंदे भारत शुरू होने से यात्री 14 से 15 घंटे में भोपाल से पटना पहुंच जाएंगे। अच्छी बात यह है कि यह वंदे भारत स्लीपर ट्रेन होगी। यानी यात्री सोते हुए भी सफर कर सकते हैं। 

भोपाल से पटना तक मिलेगी प्रीमियम वंदे भारत

अधिकारियों ने बताया कि भोपाल से लखनऊ तक 8 कोच वाली प्रीमियम वंदे भारत ट्रेन मिलेगी। इसके सभी कोच चेयर सीट वाले होंगे। बता दें कि भोपाल से लखनऊ की दूरी करीब 590 किमी है। अभी इस रूट पर चलने वाली ट्रेन को भोपाल से लखनऊ पहुंचने में 9 से 11 घंटे लगते हैं, लेकिन रूट पर वंदे भारत के शुरू होने से यात्री मात्र 6 से 7 घंटे में भोपाल से लखनऊ पहुंच सकेंगे। यह ट्रेन 8 कोच वाली चेयर कार होगी। जो सप्ताह में 6 दिन चलेगी।

तीसरा पिट तैयार होते ही दो वंदे भारत रैक उपलब्ध हो जाएंगे

भोपाल रेल मंडल के वरिष्ठ डीएमई आरपी खरे ने बताया कि "रानी कमलापति रेलवे स्टेशन पर तीसरी पिट लाइन बनाई जा रही है। इसका 95 फीसदी काम पूरा हो चुका है। खरे ने बताया कि निर्माण कंपनी ने 30 जून 2025 तक तीसरी पिट लाइन रेलवे को सौंपने का दावा किया है। हालांकि, तीसरी पिट लाइन पूरी तरह से तैयार होने में अगस्त-सितंबर तक का समय लग सकता है। आरपी खरे ने बताया कि जैसे ही तीसरी पिट लाइन तैयार होगी, उसे पूरा कर लिया जाएगा।

7 साल बाद भी 10 करोड़ रुपए की पिट लाइन अधूरी

बता दें कि रानी कमलापति रेलवे स्टेशन पर तीसरी पिट लाइन बनाने की मंजूरी वर्ष 2028 में मिली थी, लेकिन काम करीब छह से आठ महीने बाद शुरू हुआ। अब 7 साल बाद भी आरकेएमपी में तीसरी पिट लाइन अधूरी है। उधर, एससीएम और भोपाल मंडल के प्रवक्ता नवल अग्रवाल ने बताया कि रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के पास आरओएच शेड बनाया जा रहा है, जहां वंदे भारत ट्रेन का मेंटेनेंस किया जाएगा। इसके साथ ही अन्य ट्रेनों का भी मेंटेनेंस किया जाएगा, जो संभवत: सितंबर माह के बाद शुरू हो जाएगा। इसे बनाने में करीब 10 करोड़ रुपए की लागत आई है।

जर्मन तकनीक से बने कोचों की होगी मरम्मत 

रेलवे अधिकारियों ने बताया कि यह केमटेक डिजाइन की पिट लाइन है, जो पुरानी दो लाइनों के मुकाबले तकनीकी संसाधनों से लैस है। जिस पर जर्मन कंपनी लिंक हॉफमैन बुश (एलएचबी) के तकनीकी सहयोग से बनाए जा रहे नए कोचों की आसानी से मरम्मत की जा सकेगी। यहां एलएचबी कोच वाली ट्रेनों की ओवरहालिंग की जाएगी। तीसरी पिट लाइन की ऊंचाई अधिक है, जिसमें रेलवे कर्मचारी कोचों के नीचे खड़े होकर आसानी से मरम्मत का काम कर सकेंगे। इसमें मशीनों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए पाथवे बनाए गए हैं। इस पिट लाइन में कम समय में अधिक ट्रेनों का मेंटेनेंस किया जा सकेगा।

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