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मुसलमानों की वक्फ संपत्ति छीनी जा रही है: असदुद्दीन ओवैसी

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वक्फ कानून के खिलाफ मुस्लिम संगठनों ने आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी साफ-साफ कह दिया है कि जब तक कानून वापस नहीं लिया जाता, मुसलमान विरोध करते रहेंगे। आज हैदराबाद में वक्फ कानून के खिलाफ बड़ा विरोध प्रदर्शन होने जा रहा है। विरोध प्रदर्शन से पहले ओवैसी ने केंद्र सरकार को अल्टीमेटम दिया है। इंडिया टीवी को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में उन्होंने मोदी सरकार पर भी जमकर हमला बोला। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में वक्फ कानून पर चल रही सुनवाई को लेकर अपनी राय रखी। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि जब बिल संसद में लाया गया था, तब हमने इसका पुरजोर विरोध किया था। जेपीसी की बैठक में विपक्षी दलों ने एक स्वर में 44 संशोधनों का विरोध किया था। लेकिन बीजेपी के पास बहुमत है और हमारे विरोध के बावजूद बिल संसद से पास हो गया।

संविधान बचाओ-वक्फ बचाओ हमारा नारा

ओवैसी ने कहा कि यह बिल संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी इसी तर्ज पर विरोध किया। ओवैसी ने कहा कि यूपीए सरकार 10 साल तक सत्ता में रही और एनडीए सरकार भी 10 साल से ज्यादा समय से सत्ता में है, लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ कि विपक्षी दलों ने इतने बड़े पैमाने पर किसी बिल के खिलाफ वोट किया हो. विपक्षी दलों ने वक्फ संशोधन विधेयक का कड़ा विरोध किया। यह एक बड़ा संदेश है कि देश ने वक्फ संशोधन विधेयक को स्वीकार नहीं किया है। ओवैसी ने विरोध के कारणों का जिक्र करते हुए कहा कि मुसलमानों की वक्फ संपत्ति छीनी जा रही है. हमारा एक ही नारा है 'संविधान बचाओ, वक्फ बचाओ'। उन्होंने कहा कि यह काला कानून है और सरकार को इसे वापस लेना चाहिए। ओवैसी ने कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट में है और अब देखना यह है कि सुप्रीम कोर्ट में कितना समय लगता है।  

हम पहले दिन से कह रहे थे कि ऐसा मत करो 

ओवैसी ने कहा कि हम पहले दिन से कह रहे थे कि ऐसा मत करो. संविधान में जो अधिकार हिंदुओं को दिए गए हैं, वही अधिकार मुसलमानों के वक्फ बोर्ड को दिए जाने चाहिए, लेकिन अगर आप इसके खिलाफ काम करेंगे तो इसके खिलाफ आवाज उठेगी। बीच का रास्ता निकालने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि अब बीच का रास्ता निकालने का सवाल ही नहीं उठता। सरकार ने इस संबंध में किसी भी स्टेक होल्डर से कोई राय नहीं ली। बिल बनाने से पहले सरकार एक नोटिफिकेशन देती है कि लोग अपनी राय दें, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।

अन्य स्टेक होल्डर को क्यों नहीं बुलाया गया?

पीएम मोदी के पिछले तीन सालों से दाऊदी बोहरा समुदाय के संपर्क में रहने के मुद्दे पर ओवैसी ने कहा कि पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने वक्फ संशोधन बिल पर दाऊदी बोहरा समुदाय के प्रमुख से चर्चा की। फिर अन्य स्टेक होल्डर को क्यों नहीं बुलाया गया? यह कैसी प्रक्रिया है कि पिक एंड चूज के बाद दिया गया?

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