वास्तु के अनुसार रसोईघर के लिए दक्षिण पूर्व दिशा यानी आग्नेय कोण का चुनाव करना चाहिए। इस दिशा का स्वामी ग्रह शुक्र है तथा देवता अग्नि है।
हमारे घर की स्थिति उसका रख-रखाव, किचन, बाथरूम, डाइनिंग और बेडरूम की बनावट का हमारे भाग्य पर काफी असर पड़ता है। वास्तु शास्त्र में इन चीजों पर काफी ध्यान दिया गया है। खास तौर पर किचन की स्थिति, किचन किस दिशा में होना चाहिए वहां कैसा रंग होना चाहिए, हमें इस बारे में ख्याल रखना बेहद जरूरी है।
वास्तु के अनुसार रसोईघर के लिए दक्षिण पूर्व दिशा यानी आग्नेय कोण का चुनाव करना चाहिए। इस दिशा का स्वामी ग्रह शुक्र है तथा देवता अग्नि है। यही वजह है कि रसोईघर में सकारात्मक ऊर्जा के लिए शुक्र ग्रह से सम्बन्धित रंग का प्रयोग करना सबसे अच्छा होगा। वैसे तो रसोईघर के लिए सबसे शुभ रंग सफेद या क्रीम रंग को माना जाता है। लेकिन, यदि किचन में वास्तु दोष है तो आग्नेय कोण में लाल रंग का प्रयोग भी कर सकते हैं। इससे वातावरण अच्छा बना रहेगा।
वहीं बात करें वास्तु के अनुसार भोजन कक्ष यानी डाइनिंग रूम का रंग कैसा होना चाहिए। घर के अन्य हिस्सों की तरह डाइनिंग रूम का भी अपना महत्व होता है, क्योंकि डाइनिंग रूम एक ऐसी जगह होती है, जहां घर के सभी सदस्य एक साथ बैठकर भोजन करते हैं। इसलिए डाइनिंग रूम में रंग कराते समय वास्तु शास्त्र का विशेष ध्यान रखना चाहिये।
वास्तुशास्त्र के अनुसार डाइनिंग रूम यानि भोजन कक्ष में ऐसा रंग प्रयोग करना चाहिये, जो घर के सभी सदस्यों को जोड़े रखने में सहायक हो। कई बार भोजन के दौरान अहम निर्णय भी ले लिये जाते हैं, क्योंकि उस समय सब साथ होते हैं, तो ऐसे में रंगों का ख्याल रखना बेहद जरूरी है।
वास्तु के अनुसार डाइनिंग रूम में हल्का हरा, गुलाबी, आसमानी, नारंगी, क्रीम या फिर हल्का पीला रंग सबसे अच्छा होता है। हल्के रंगों को देखकर खाना खाने वालों के मन में आनंद बना रहता है, लेकिन ध्यान रहे कि डाइनिंग रूम में काला रंग करवाने से आपको बचना चाहिए।