सरसों की बंपर पैदावार देगी ये नस्ल, किसान बनेंगे मालामाल

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सरसों की यह किस्म देगी शानदार पैदावार

सरसों के तेल की कीमतें दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं, जिससे किसानों को सरसों की खेती में भरपूर लाभ मिल रहा है। कम सिंचाई में भी किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं, जिससे खेती की लागत भी कम हो जाती है। आज हम किसानों को एक खास किस्म के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं, जिसकी बुवाई अक्टूबर के महीने में की जा सकती है और इससे किसानों को कई फायदे होंगे।

पुसा सरसों 32 है बेहतरीन विकल्प

दरअसल, हम बात कर रहे हैं पुसा सरसों 32 की, जो एक बेहतरीन किस्म है। इसे भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित किया गया है। इस किस्म से किसानों को बेहतर उत्पादन मिलेगा, जिससे वे पिछले साल की तुलना में अधिक कमाई कर पाएंगे। यह एक उच्च गुणवत्ता वाली सरसों है।

यह किस्म ज़ोन-2 के लिए विकसित की गई है, जिसमें राजस्थान के साथ-साथ उत्तर और पश्चिमी क्षेत्र आते हैं। इसमें हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर शामिल हैं। इन क्षेत्रों में किसान इसकी खेती से अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। आइए इसके खेती से जुड़े फायदों के बारे में जानते हैं।

पुसा सरसों 32 के फायदे

  • उत्पादन: पुसा सरसों 32 की खेती से किसान एक हेक्टेयर से अधिकतम 33.5 क्विंटल तक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं, जबकि औसत पैदावार 27.1 क्विंटल होती है। यानी कि यहां से अच्छी उत्पादन की उम्मीद की जा सकती है।
  • तेल की मात्रा: इस किस्म में तेल की मात्रा 38% तक होती है, जिससे बाजार में इसे अच्छा मूल्य मिलेगा। क्योंकि इससे अधिक तेल प्राप्त होगा और वर्तमान में तेल की कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही है।
  • कम पानी की आवश्यकता: जिन किसानों के क्षेत्र में पानी की कमी है, उनके लिए यह किस्म वरदान से कम नहीं है। इसे सूखा क्षेत्रों में भी उगाया जा सकता है।
  • तना और बीज: इसके तने की लंबाई लगभग 73 सेंटीमीटर तक जाती है और इसकी फलियों की घनत्व भी अधिक होती है, जिससे किसानों को बेहतर उत्पादन मिलता है।
  • बुवाई की अंतिम तारीख: इस किस्म की बुवाई 15 अक्टूबर तक की जा सकती है और इसकी फसल 132 से 145 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है।

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