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Tournament: पंचर फुटबाल से प्रैक्टिस कर जीता स्टेट टूर्नामेंट

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उज्जैन, इंदौर और भोपाल को टेमनी गांव की बच्चियों ने पछाड़ा

Tournament: बैतूल। यदि लगन और जुनून के साथ टीम वर्क में कोई भी काम किया जाए तो नि:संदेह सफलता कदम चूमती ही है। प्रतिभा सिर्फ बड़े-बड़े शहरो में ही नहीं बल्कि ग्रामीण अंचलों में भी निखरती है। यह बात अलग है कि शहरों के खिलाडिय़ों को जहां तमाम संसाधन उपलब्ध होते हैं तो वहीं ग्रामीण खिलाडिय़ों को अपनी प्रतिभाओं को निखारने के लिए जुगाड़ से काम चलाना पड़ता है। आज हम आपको ऐसी ही प्रतिभाओं से परिचित कराने जा रहे हैं जिनके पास ना तो ग्राऊंड था…ना ही जूते थे…इतना ही नहीं फुटबाल भी थी तो वह भी पंचर… बावजूद इसके अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी क्रिस्टियानो रोनाल्डो, लियोनेल मेसी सहित डिएगो माराडोना को आदर्श मानने वाली छोटे से ग्राम टेमनी की बेटियों ने संसाधनों के अभाव में भी पंचर फुटबाल से प्रैक्टिस कर उज्जैन, इंदौर और भोपाल की टीम को करारी शिकस्त देकर स्टेट लेवल का टूर्नामेंट जीतकर बैतूल और अपने गांव का नाम रोशन कर दिया है। इन बच्चियों की प्रतिभा की जितनी भी तारीफ की जाए वह कम ही होगी। आज पूरा बैतूल यही कह रहा है कि बेटियों पर हमें गर्व है। बेटियों की इस सफलता पर उन्हें शिक्षा विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों, पालकों, शुभचिंतकों ने बधाई देते हुए उज्जलवल भविष्य की कामना की है।


गांव की बच्चियों ने रचा कीर्तिमान


राज्य स्तरीय शालेय 14 आयु वर्ग बालिका टूर्नामेंट का आयोजन खंडवा के खालवा में हुआ था। इस टूर्नामेंट में बैतूल जिले की टीम जिसमें पूरी बच्चियां टेमनी गांव की थी। इन बच्चियों ने अपने खेल कौशल को मैदान में ऐसा दिखाया कि बड़े-बड़े शहरों की टीमों को पछाडक़र स्टेट लेवल प्रतियोगिता को अपने नाम कर लिया। इस टीम में माध्यमिक स्कूल टेमनी की 8 बच्चियां, एकीकृत हाईस्कूल सदर की 2 बच्चियां एवं उच्चतर माध्यमिक स्कूल टिकारी की 1 बच्ची शामिल थे। वैसे यह सभी 11 बच्चियां टेमनी की मूलत: निवासी हैं। इसके अलावा दोनों कोच कृष्णकांत उइके और निकिता उइके भी टेमनी गांव के ही निवासी हैं।


नेशनल में खेलेंगी 5 बच्चियां


छोटे से गांव की बच्चियों को तराशने वाले कोच कृष्णकांत उइके ने बताया कि पहले भी तीन स्टेट फुटबाल टूर्नामेंट जीते हैं। इस बार टीम की पांच बच्चियों का चयन नेशनल टूर्नामेंट होगा। श्री उइके ने बताया कि फुटबाल के प्रति इन बच्चियों का लगाव देखकर ऐसा लगता है कि आने वाले समय में बच्चियां देश का नाम भी रोशन करेंगी। उन्होंने बताया कि इस टीम में सबसे खास बात यह है कि सबसे छोटी खिलाड़ी 11 साल की सोनाक्षी भलावी ने 5 मैच खेले और 90 मिनट तक मैदान में रही। वहीं 13 साल की सुहाना धुर्वे ने उज्जैन के खिलाफ हैट्रिक लेने का रिकार्ड बनाया है। श्री उइके ने इस उपलब्धि में खेल अधिकारी धर्मेंद्र पंवार के मार्गदर्शन की भी सराहना की है। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा हमेशा ही खिलाडिय़ों का उत्साहवर्धन किया जाता रहा है।


अभाव में तराशी प्रतिभा


खालवा में आयोजित स्टेट टूर्नामेंट में फायनल मैच में जनजाति कार्य विभाग की टीम को हराकर ट्राफी पर कब्जा करने वाली टीम की खिलाड़ी सरस्वती भलावी और मौसमी बामने ने बताया कि प्रैक्टिस के लिए उनके पास अच्छी फुटबाल भी नहीं है जिसके कारण पंचर फुटबाल में हवा भरकर प्रैक्टिस करते हैं। मैच खेलने के लिए जूते भी घर के ही पहनकर आते हैं। इसके अलावा टेमनी गांव में जहां प्रैक्टिस करते हैं वहां पर पर्याप्त मैदान भी नहीं है। जहां आज भी छोटे मैदान में 120 खिलाड़ी प्रैक्टिस करते हैं। खिलाडिय़ों ने मैदान के लिए जगह मांगी है जिससे आगे वे अच्छे से प्रैक्टिस कर और बड़े टूर्नामेंट में अपने खेल के जौहर को दिखा सके।


शिक्षा विभाग ने किया सम्मान


टेमनी गांव की फुटबाल टीम ने राज्य स्तरीय ट्राफी पर कब्जा जमाने के बाद टीम आज जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंची जहां पर अधिकारियों ने टीम की खिलाडिय़ों कप्तान आयुषी उइके, सरस्वती भलावी, मौसमी बामने, सोनाक्षी भलावी, सोहाना धुर्वे, तमन्ना वट्टी, पिंकी उइके, पूजा करोचे, महिमा इवने, प्रियांशु कोगे, स्नेहा उइके, कोच कृष्णकांत उइके, कोच निकिता उइके का पुष्पमाला पहनाकर स्वागत किया गया। इस मौके पर एपीसी आरएमएसए सुबोध शर्मा, सहायक संचालक भूपेंद्र वरकड़े, खेल अधिकारी धर्मेंद्र पंवार, प्राचार्य दिलीप दाबड़े, प्राचार्य चंद्रशेखर बनाईत सहित अन्य लोग मौजूद थे।

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