किसानों की जेब भर रहा ये जादुई मसाला! एक बार कर ली खेती तो लगातार होते रहेगी नोटों की बरसात, हींग एक ऐसा मसाला है जिसकी मांग पूरे विश्व में है। भारत में भी हींग का उपयोग लगभग हर घर में होता है। इसकी उच्च मांग को देखते हुए हींग की खेती किसानों के लिए एक आकर्षक विकल्प बन सकती है।
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हींग की खेती के लिए आवश्यक परिस्थितियां
- जलवायु: हींग के पौधे ठंडे और शुष्क जलवायु में अच्छे से उगते हैं।
- मिट्टी: अच्छी जल निकास वाली, दोमट या बलुई दोमट मिट्टी हींग की खेती के लिए उपयुक्त होती है।
- ऊंचाई: हींग के पौधे 1500-3000 मीटर की ऊंचाई पर अच्छे से उगते हैं।
हींग की खेती की प्रक्रिया
- बीज का चयन: हींग के बीजों को विशेष प्रकार के उपचार के बाद ही बोया जाता है।
- नर्सरी तैयार करना: नर्सरी में बीज बोए जाते हैं और जब पौधे कुछ बड़े हो जाते हैं तो उन्हें मुख्य खेत में लगाया जाता है।
- खेत की तैयारी: खेत को अच्छी तरह से जोतकर समतल किया जाता है।
- पौधे लगाना: नर्सरी से पौधे निकालकर खेत में निश्चित दूरी पर लगाए जाते हैं।
- सिंचाई: हींग के पौधों को अधिक पानी की आवश्यकता नहीं होती है।
- खाद: समय-समय पर खाद देना आवश्यक होता है।
- निराई-गुड़ाई: खेत में समय-समय पर निराई-गुड़ाई करनी होती है।
- रोग और कीट नियंत्रण: हींग के पौधों को विभिन्न प्रकार के रोग और कीटों से बचाना होता है।
- हींग का उत्पादन: पौधे पर कट लगाकर हींग का रस निकाला जाता है जो सूखने पर हींग बन जाता है।
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हींग की खेती के लाभ
- उच्च मुनाफा: हींग की मांग अधिक होने के कारण इसकी कीमत भी अधिक होती है।
- कम पानी की आवश्यकता: हींग के पौधों को अधिक पानी की आवश्यकता नहीं होती है।
- सूखा प्रतिरोधी: हींग का पौधा सूखे की स्थिति में भी जीवित रह सकता है।
भारत में हींग की खेती
भारत में हींग की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है। हिमाचल प्रदेश जैसे राज्य में हींग की खेती पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।