झोपड़ी से उठाकर महल में पटक देगी इस ड्राई फ्रूट की खेती! पौष्टिक के साथ स्वादिस्ट भी…जाने खेती करने का तरीका, किशमिस, जिसे अंगूर के सूखे फल के रूप में जाना जाता है, एक स्वादिष्ट और पौष्टिक फल है। इसकी खेती भारत में कई जगहों पर की जाती है। किशमिश की खेती लाभदायक हो सकती है, लेकिन इसके लिए कुछ खास जानकारियों और देखभाल की जरूरत होती है।
किशमिश की खेती के लिए आवश्यक परिस्थितियां:
- मिट्टी: किशमिश की खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली, दोमट या बलुई दोमट मिट्टी सबसे अच्छी होती है।
- जलवायु: गर्म और शुष्क जलवायु किशमिश की खेती के लिए आदर्श होती है।
- पानी: अंगूर को नियमित रूप से पानी की आवश्यकता होती है, खासकर फूल आने और फल लगने के समय।
- धूप: अंगूर को भरपूर धूप की आवश्यकता होती है।
किशमिश की किस्में:
भारत में कई तरह की अंगूर की किस्में उगाई जाती हैं, जो किशमिश बनाने के लिए उपयुक्त होती हैं। कुछ लोकप्रिय किस्में हैं:
- सोलाक्षी: यह एक बीज रहित किस्म है और किशमिश बनाने के लिए बहुत अच्छी मानी जाती है।
- थोमस लैकोट: यह भी एक बीज रहित किस्म है और किशमिश बनाने के लिए उपयुक्त है।
- रोमन: यह एक बीज वाली किस्म है, लेकिन किशमिश बनाने के लिए इसका भी उपयोग किया जाता है।
झोपड़ी से उठाकर महल में पटक देगी इस ड्राई फ्रूट की खेती! पौष्टिक के साथ स्वादिस्ट भी…जाने खेती करने का तरीका
किशमिश बनाने की प्रक्रिया:
अंगूर को किशमिश में बदलने के लिए कई तरीके हैं। सबसे आम तरीका है:
- अंगूर को चुनना: पके हुए और स्वस्थ अंगूरों को चुनना महत्वपूर्ण है।
- धूप में सुखाना: अंगूरों को साफ करके धूप में सुखाया जाता है। इस प्रक्रिया में अंगूर से पानी निकल जाता है और वे किशमिश में बदल जाते हैं।
- छाया में सुखाना: कुछ क्षेत्रों में, अंगूरों को छाया में सुखाया जाता है।
- कृत्रिम तरीके: कुछ किसान कृत्रिम तरीकों से भी अंगूर को सुखाते हैं।
किशमिश की खेती में आने वाली समस्याएं और उनका समाधान:
- कीड़े: अंगूर को कई तरह के कीड़े लग सकते हैं, जैसे कि मेलीबग, एफिड्स आदि। इनसे बचाव के लिए कीटनाशकों का उपयोग किया जा सकता है।
- बीमारियां: अंगूर को कई तरह की बीमारियां भी लग सकती हैं, जैसे कि फफूंदी, बैक्टीरिया आदि। इनसे बचाव के लिए फंगीसाइड्स और बैक्टीरिसाइड्स का उपयोग किया जा सकता है।
- मौसम: अत्यधिक बारिश या ओलावृष्टि से अंगूर की फसल को नुकसान पहुंच सकता है।
- बाजार: किशमिश का बाजार अस्थिर हो सकता है।
किशमिश की खेती के लाभ:
- अच्छी आय: किशमिश की मांग बाजार में हमेशा रहती है।
- पौष्टिक फल: किशमिस में कई तरह के पोषक तत्व होते हैं।
- सूखा प्रतिरोधी फसल: किशमिश की खेती सूखे वाले क्षेत्रों में भी की जा सकती है।
अतिरिक्त जानकारी:
- किशमिस की खेती के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप स्थानीय कृषि विभाग से संपर्क कर सकते हैं।
- किशमिश की खेती के लिए सरकार द्वारा कई तरह की सब्सिडी और ऋण उपलब्ध कराए जाते हैं।
1 thought on “झोपड़ी से उठाकर महल में पटक देगी इस ड्राई फ्रूट की खेती! पौष्टिक के साथ स्वादिस्ट भी…जाने खेती करने का तरीका”
Comments are closed.