पारंपरिक खेती छोड़ किसान ने शुरू की इस सब्जी की खेती! 6 महीने में छाप लिए 5 लाख

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पारंपरिक खेती छोड़ किसान ने शुरू की इस सब्जी की खेती! 6 महीने में छाप लिए 5 लाख, पारंपरिक खेती के तरीकों को छोड़कर अब नगदी फसलों की ओर रुख किया है| पहले गेहूं, धान और मक्का की खेती करते थे लेकिन अब सब्जी उगाने पर ध्यान केंद्रित किया है। कुंदरू की खेती फरवरी में शुरू होती है।

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वैशाली में किसान लगातार नई-नई बागवानी तकनीकों का प्रयोग कर रहे हैं। वे बाजार की मांग के अनुसार हरी सब्जियां उगाते हैं, जिससे उनकी आय में काफी वृद्धि हुई है। वैशाली में सैकड़ों किसान सब्जी बेचकर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। आज हम ऐसे किसान का जिक्र करेंगे जो कुंदरू और खीरे की खेती कर लाखों रुपये कमा रहे हैं और जिनकी विशेषज्ञता अब अन्य किसान भी ले रहे हैं।

यह किसान वैशाली जिले के पातेढी बेलसर ब्लॉक के रहने वाले भोला कुमार सिंह हैं। वे अपने गांव मनपुरा में कुंदरू और खीरे उगाते हैं। यह खेती उन्हें सिर्फ छह महीने में पांच लाख रुपये की आमदनी देती है। गौरतलब है कि भोला कुमार सिंह यह सब सिर्फ दो एकड़ जमीन पर ही हासिल कर लेते हैं। उनके अनुसार, कुंदरू और खीरे की खेती पारंपरिक फसलों की तुलना में कहीं अधिक लाभदायक है।

6 महीने में 5 लाख रुपये की कमाई

किसान भोला कुमार सिंह ने बताया कि वे पहले पारंपरिक खेती करते थे, लेकिन अब उन्होंने अपना ध्यान नकदी फसलों की ओर लगा दिया है। उन्होंने गेहूं, धान और मक्का उगाना बंद कर दिया है और अब सब्जी उगाने पर ध्यान दे रहे हैं। कुंदरू की खेती फरवरी में शुरू होती है, और जब कुंदरू की फसल बांस की बाड़ के ऊपर पहुंच जाती है, तो उसी खेत में खीरे की खेती शुरू हो जाती है। दोनों फसलों से अच्छी आमदनी होती है, जिन्हें पास के बाजार में बेचा जाता है। वे छह महीनों में पांच लाख रुपये तक कमा लेते हैं। उनका यह पक्का विश्वास है कि सब्जी की खेती किसी भी अन्य प्रकार की खेती से ज्यादा लाभदायक है।

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