18 लीटर दूध रोजाना की है क्षमता
Tharparkar Cow Breed – थारपारकर गाय गर्मी और सर्दी दोनों ही मौसम को सहन करने में सक्षम होती है और इसकी दूध तथा घी की मांग काफी अधिक रहती है। यह गाय प्रतिदिन 15 से 18 लीटर तक दूध देती है। जबकि गर्मियों के मौसम में अन्य नस्लों के दूध का उत्पादन घट जाता है, थारपारकर गाय के दूध उत्पादन पर मौसम का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
पशुपालन एक ऐसा क्षेत्र है जो ग्रामीण और शहरी दोनों ही क्षेत्रों में लोगों को समृद्धि के अवसर प्रदान करता है। आजकल लोग गाय, भैंस, बकरी और सूअर पालन के जरिए अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं, और पढ़े-लिखे युवा भी इस क्षेत्र में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
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किसान अक्सर गाय की उन्नत नस्लों के बारे में जानकारी के अभाव में आर्थिक नुकसान उठाते हैं। इसलिए, हम यहां थारपारकर गाय की विशेषताओं के बारे में जानकारी प्रदान कर रहे हैं, जो उनके लिए लाभकारी साबित हो सकती है। इस गाय को ‘दुधारू सोना’ के नाम से भी जाना जाता है।
थारपारकर गाय भारत में मुख्यतः राजस्थान के बाड़मेर, जैसलमेर, और जोधपुर जिलों में पाई जाती है और इसे दूध उत्पादन के लिए जाना जाता है। इसकी उत्पत्ति पाकिस्तान के सिंध प्रांत के जिले थारपारकर से हुई है।
थारपारकर गाय की विशेषताएँ | Tharparkar Cow Breed
यह गाय भीषण गर्मी और सर्दी दोनों को सहन कर सकती है।
इसका रंग सामान्यतः सफेद या धूसर होता है और पीठ पर हल्के आसमानी रंग की धारियाँ होती हैं।
इसका सिर मध्यम आकार का होता है, और इसके कान चौड़े होते हैं।
इसकी पूंछ पतली और लंबी होती है।
थारपारकर गाय प्रतिदिन लगभग 15 से 18 लीटर दूध का उत्पादन करती है और इसकी कीमत 20,000 रुपए से लेकर 60,000 रुपए तक हो सकती है। एक ब्यांत में यह गाय 1,500 से 2,200 लीटर दूध उत्पादन की क्षमता रखती है और इसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी अच्छी होती है, जिससे यह जल्दी बीमार नहीं पड़ती। इस गाय की देखभाल कर किसान कम समय में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं और यह सामान्य आहार का सेवन करती है।
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