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किराएदारों ने महिला के सपनों के घर को किया बर्बाद, मरम्मत में आएंगे 30 लाख रुपये

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ज़िंदगी में मेहनत से बनाया गया घर हर किसी का सपना होता है, लेकिन क्या हो जब वो सपना कचरे के ढेर तब्दील हो जाए? निश्चित रुप से दुख होगा और दिल टूट जाएगा. ऐसा ही कुछ यूनाइटेड किंगडम के ग्रेटर मैनचेस्टर के बोल्टन में रहने वाली 49 साल की गालिना मैंडर्स (Galina Manders) के साथ हुआ. पाई-पाई जोड़कर उन्होंने सपने का घर खरीदा, फिर लाखों खर्च कर उसे बेहद खास बनाया, ताकि किराया ज्यादा मिल सके. लेकिन किराएदारों ने घर का सत्यानाश कर गिया.गालिना के सपनों का घर कचरे और चूहों का अड्डा बन गया. आखिर कैसे? यह जानकर आपको दुख भी होगा और गुस्सा भी आएगा. दरअसल, पेशे से अकाउंटेंट गालिना ने 2012 में एक तीन बेडरूम का टेरेस हाउस खरीदा था. लाखों रुपए खर्च कर उन्होंने इसे नए किचन, बाथरूम और सजावट के साथ चमकाया, ताकि किराये से थोड़ी अतिरिक्त कमाई हो सके. लेकिन 2022 में आए तीसरे किरायेदारों ने उनके सपनों को चकनाचूर कर दिया. किरायेदारों ने घर को इस कदर तबाह किया कि अब इसे ठीक करने में 30 लाख रुपये (लगभग £30,000) का खर्च आएगा.

गालिना ने बताया, “जब मुझे सर्वेयर ने घर की तस्वीरें भेजीं, तो मेरे पैरों तले जमीन खिसक गई. मैं तुरंत उसे देखने पहुंच गई. लेकिन कमरे के अंदर बदबू इतनी तेज़ थी कि पांच मिनट से ज़्यादा बिना मास्क के रहना मुश्किल था. गालिना ने आगे कहा कि घर की दीवारें टूटी हुई थीं, फफूंदी छाई थी, घुटनों तक कचरा भरा था और बिल्ली की पॉटी फर्श पर चिपकी थी.” सर्वेयर ऊपर तक नहीं पहुंच सका, क्योंकि कचरे ने रास्ता रोक रखा था. गालिना ने कहा, “ये लोग न मेरे लिए सम्मान रखते थे, न अपने लिए. ये तो सीधा उत्पीड़न है.” घर को फिर से रहने लायक बनाने के लिए “फुल रेनोवेशन” चाहिए, लेकिन उनके पास बचत नहीं है. उन्होंने कहा, “मैं कोई प्रॉपर्टी टाइकून नहीं हूं, इतना बड़ा खर्च कैसे उठाऊं?” गालिना ने इसके पहले 2018 से 2022 तक दो किरायेदारों को घर दिया था, जिनसे मामूली दिक्कतें हुईं. लेकिन 2022 में आए नए किरायेदार उनकी ज़िंदगी का सबसे बुरा फैसला बन गए. जनवरी 2024 में एक बार जब वो अपने घर को देखने गईं और गंदगी देखा तो किराएदारों को सफाई करने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया. ऐसे में गालिना ने सेक्शन 21 नो-फॉल्ट बेदखली का नोटिस जारी किया. उन्हें एक हफ्ते का वक्त दिया गया, लेकिन जवाब में गालिना को गालियां और धमकियां मिलीं. उन्होंने बताया, “उसके हर मैसेज से मैं कांपने लगती थी, मुझे वॉट्सऐप पर ब्लॉक करना पड़ा.”

घर में चारों तरफ कचरे का अंबार था. चूहे भरे पड़े थे.
किरायेदारों की हरकतें इतनी बढ़ गईं कि पुलिस को जांच शुरू करनी पड़ी. ग्रेटर मैनचेस्टर पुलिस ने पुष्टि की, “आपराधिक नुकसान की जांच चल रही है.” इस तबाही ने गालिना को सिर्फ आर्थिक नहीं, बल्कि भावनात्मक रूप से भी तोड़ दिया. वो कहती हैं, “मैं रो पड़ी, ये देखकर कि मेरा घर चूहों और कचरे का ढेर बन गया.” पहले किरायेदारों ने भी पालतू जानवरों के नियम तोड़े थे, लेकिन ये हालात उससे कहीं आगे थे. गालिना अब क़ानून में बदलाव की मांग कर रही हैं, ताकि ऐसे किरायेदारों को जल्दी बेदखल किया जा सके. उन्होंने अपनी लोकल MP यास्मीन कुरैशी से बात की, जिन्होंने कहा, “मुझे गालिना की हालत से सहानुभूति है. किसी को भी ऐसी भयानक स्थिति से नहीं गुजरना चाहिए. मकान मालिकों को लीगल सिस्टम का सहारा लेना चाहिए और मेरा ऑफिस उन्हें सलाह देने वाली संस्थाओं की जानकारी दे रहा है.” बता दें कि ये कहानी सिर्फ गालिना की नहीं, बल्कि हर उस मकान मालिक की पीड़ा को बयान करती है, जो मेहनत से बनाए घर को बर्बाद होते देखता है. 30 लाख का ये नुकसान गालिना के लिए एक जख्म है, जो शायद कभी न भरे.

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