अब इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर 30 सितंबर तक मिलेगी सब्सिडी
Subsidy on Electric Vehicles – केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन योजना (EMPS) को 30 सितंबर तक बढ़ा दिया है। इसके साथ ही, सरकार ने इस योजना के तहत दी जाने वाली सब्सिडी को 500 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 778 करोड़ रुपये कर दिया है। हैवी इंडस्ट्री मंत्रालय ने देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री को प्रोत्साहित करने के लिए 13 मार्च को इस योजना की शुरुआत की थी।
कब शुरू हुई थी योजना | Subsidy on Electric Vehicles
यह योजना 1 अप्रैल 2024 से 31 जुलाई 2024 तक के लिए लागू की गई थी। इसमें इलेक्ट्रिक दोपहिया, तीनपहिया और ई-रिक्शा पर सब्सिडी प्रदान की जाती है, लेकिन इसमें इलेक्ट्रिक चार पहिया वाहनों को शामिल करने की जानकारी नहीं है।
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बढ़ाया गया लक्ष्य
सरकार ने EMPS के तहत अब दोपहिया वाहनों के लिए सब्सिडी का लक्ष्य बढ़ाकर 5,00,080 कर दिया है, जो पहले 3.37 लाख था। इसी तरह, तीनपहिया वाहनों के लक्ष्य को 41,306 से बढ़ाकर 60,709 और बड़े इलेक्ट्रिक तीनपहिया वाहनों के लक्ष्य को 25,238 से बढ़ाकर 47,119 कर दिया गया है। हालांकि, इलेक्ट्रिक रिक्शा के लक्ष्य में कोई बदलाव नहीं किया गया है। सरकार विभिन्न श्रेणियों के इलेक्ट्रिक वाहनों पर 5000 रुपये प्रति किलोवाट की दर से सब्सिडी प्रदान कर रही है।
पहले थी (FAME) योजना | Subsidy on Electric Vehicles
2019 में केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए फास्टर एडोप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (FAME) योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी दी जाती थी ताकि उनकी संख्या बढ़ सके।
फेम-1 योजना में 800 करोड़ रुपये और 2022 में फेम-2 योजना के लिए 10,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। बाद में, 20 फरवरी 2024 को फेम-2 योजना के लिए वित्तीय बजट को 1,500 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 11,500 करोड़ रुपये कर दिया गया। फेम-2 योजना के तहत 31 मार्च 2024 तक इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सब्सिडी दी गई थी, जिसके बाद EMPS योजना के अंतर्गत सब्सिडी दी जा रही है।
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