Search ई-पेपर ई-पेपर WhatsApp

सोमवती या भौमवती..इस बार क्या कहलाएगी ज्येष्ठ अमावस्या? 26 या 27 मई, कौन सी तिथि सही

By
On:

ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि हिंदू धर्म के लिए बेहद खास है, क्योंकि यह तिथि गंगा नदी में स्नान दान और पितृ तर्पण के लिए सबसे उत्तम तिथि मानी जाती है. मान्यता है कि जेठ माह की अमावस्या तिथि के दिन शनिदेव का जन्म हुआ था, इसलिए इसी दिन शनि जयंती भी मनाई जाएगी.

वहीं, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो व्यक्ति इस दिन दान-पुण्य करता है, उनके जीवन में सुख-शांति की वृद्धि होती है. अमावस्या पर लक्ष्मी नारायण की पूजा का भी विधान है. इस साल ज्येठ माह की अमावस्या तिथि को लेकर थोड़ी सी आसमंजस की स्थिति है. देवघर के ज्योतिषाचार्य से जानें कब है ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि?

पितृ तर्पण, पितृ दोष से मुक्ति का दिन
ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि बेहद खास है. क्योंकि, उस दिन आप पितृ तर्पण करके पितृ दोष और शनिदेव की पूजा कर शनिदोष से भी छुटकारा पा सकते हैं. हालांकि, इस साल जेठ की अमावस्या तिथि को लेकर थोड़ी असमंजस की स्थिति है. लोग 26 या 27 मई की तिथि को लेकर कंफ्यूज हैं.

इस दिन मनाई जाएगी अमावस्या तिथि
ज्योतिषाचार्य ने बताया ऋषिकेश पंचांग के अनुसार, जेठ माह की अमावस्या तिथि की शुरुआत 26 मई दिन सोमवार सुबह 10 बजकर 54 मिनट से हो रहा है और समापन अगले दिन मंगलवार 27 मई सुबह 08 बजकर 30 मिनट तक रहने वाला है. उदयातिथि के अनुसार 27 मई को ही अमावस्या तिथि पड़ रही है. दिन मंगलवार रहने के कारण इसे भौममती अमावस्या कहेंगे.

For Feedback - feedback@example.com
Home Icon Home E-Paper Icon E-Paper Facebook Icon Facebook Google News Icon Google News