देश की आन-बान और शान के प्रतीक है भगवान श्रीराम
Shri Ram – माता कौशल्या के हैं श्रीराम…! हनुमान के प्रभु हैं श्रीराम…! कण-कण में हैं श्रीराम…! हर जीव में है श्रीराम…! अभिवादन का मानसमान है श्रीराम…! शबरी के श्रीराम…! सुग्रीव के श्रीराम…! ऋषि-मुनियों-देवीदेवताओं के श्रीराम…! इस देश की आन-बान और शान है श्रीराम…!
यही मर्यादापुरूषोत्तम भगवान श्रीराम लगभग 5 सदी बाद पुन: अपने घर(मंदिर) में पधारने जा रहे हैं। कितना शानदार अवसर है जो रस्में त्रैतायुग में राजा जनक ने मिथिलापुरी में निभाई थी, वैसी ही रस्में अयोध्या में मिथिलापुरी की ओर से निभाने के लिए 5 हजार उपहार लाए गए हैं। इसके पीछे तर्क यह दिया गया है कि माता सीताजी को गृहस्थी सजाने में यह सभी उपहार काम आएंगे।
जरा कल्पना कीजिए की त्रेतायुग में जब भगवान श्रीराम का माता सीता जी से विवाह हुआ था उस समय कैसा दृश्य रहा होगा? जनक नंदिनी को विदा करने के दौरान उपहार सामग्री दी गई थी वैसी नहीं तो कम से कम प्रतीकस्वरूप जरूर नेपाल से सामग्री बतौर उपहार अयोध्या आयी है। इसके साथ ही उपहार सामग्री लाने वालों ने यह कहा कि हम बेटी वाले हैं और बेटी के मायके की रस्मों को भली भांति जानते हैं।वाकई कितनी उच्च कोटि की सोच के साथ यह पुनीत कार्य किया गया है।
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दिल खुशी से झूम उठता है और सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है कि हम उस मर्यादा पुरूषोाम भगवान श्रीराम के देश के वासी है जहां हमने जन्म लेकर अपनी पीढिय़ों को सार्थक करने का सौभाग्य प्राप्त किया है। हम कितने भाग्यशाली है कि अपनी आंखों से भगवान श्रीराम का गृह प्रवेश होते हुए देख पा रहे हैं? वरना रामायण के मंचन में हमने भगवान श्रीराम का वनवास तो कई बार देखा है।
लेकिन पहला अवसर है जब हिन्दुस्तान की आत्मा कहे जाने वाले भगवान श्रीराम बाल्यरूप में अयोध्या में बने भव्य मंदिर में विराजित होंगे। 22 जनवरी 2024 का दिन इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षर से लिखा जाएगा कि इस दिन भगवान श्रीराम का असली वनवास खत्म हुआ था।
इस दिन का इंतजार करते-करते ना जाने कितने ऋषि-मुनि प्रतीज्ञारत रहते हुए स्वर्गलोक को सिधार गए और कितने ही अपनी आंखों में सपना पाले हुए थे। उन्हीं सभी आंखों, पुण्य आत्माओं, पितरों को 22 जनवरी को शांति और मुक्ति मिलेगी कि उन्होंने जो सपना देखा था वह अंतत: साकार हो गया है। केंद्र सरकार की डायरी में सिर्फ तीन दिन 26 जनवरी गणतंत्र दिवस, 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस और 2 अक्टूबर गांधी जयंती ही ऐसे दर्ज हैं जिन पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया है।
समस्त देशवासियों, प्रदेश, जिले एवं ग्रामवासियों की भी यह मांग है कि चौथा राष्ट्रीय अवकाश 22 जनवरी (भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा) के दिन का घोषित कर 140 करोड़ देशवासियों की भावनाओं को समान दिया जाए। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सभी देशवासियों की उमीद जैसे-जैसे श्री राम लला की प्राण प्रतिष्ठा की तारीख 22 जनवरी नजदीक आ रही है बढ़ती जा रही है कि इस दिन को राष्ट्रीय अवकाश घोषित करें।
हालांकि अभी तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिर्फ यही कहा है कि ‘पूरी दुनिया 22 जनवरी के इस ऐतिहासिक पल का इंतजार कर रही है। मैं देश के 140 करोड़ लोगों से हाथ जोडक़र आग्रह कर रहा हूं कि 22 जनवरी को जब रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हो उस दिन हर घर में दीप जलाएं। अपने घर में राम ज्योति जलाएं और दीपावली मनाएं ताकि 22 जनवरी की शाम पूरा देश रोशनी से जगमगा उठेÓ।(जय श्रीराम)