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SC का केंद्र से सवाल: क्रिप्टोकरेंसी नीति क्यों नहीं? बिटकॉइन हवाला जैसा अवैध!

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Cryptocurrency: भारत के क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े नियम जटिल हैं और लीगल टेंडर के रूप में इसे मान्यता नहीं दी गई है. इसका मतलब है कि लोग बिटकॉइन और एथेरियम जैसे डिजिटल एसेट खरीद और बेच सकते हैं, लेकिन उनका उपयोग रोजमर्रा के लेन-देन के लिए नहीं कर सकते हैं. सोमवार, 19 मई को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि अर्थव्यवस्था पर क्रिप्टोकरेंसी के प्रभाव को देखते हुए इसके रेगुलेशन के लिए ‘स्पष्ट’ नीति क्यों नहीं बनाई जा सकती है.

बिटकॉइन में कारोबार अवैध

न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने क्रिप्टोकरेंसी (वर्चुअल करेंसी) बिटकॉइन में कारोबार को ‘हवाला’ कारोबार की ही तरह अवैध व्यापार करार दिया. पीठ ने केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से कहा कि केंद्र क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने के लिए स्पष्ट नीति क्यों नहीं बनाता? इसका एक अवैध बाजार है और यह अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकता है. क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करके आप व्यापार पर नजर रख सकते हैं.

अवैध बिटकॉइन व्यापार

अवैध बिटकॉइन व्यापार न्यायमूर्ति कांत ने कहा कि बिटकॉइन में कारोबार करना हवाला कारोबार की तरह ही अवैध व्यापार है. भाटी ने इस मामले पर निर्देश मांगने का शीर्ष अदालत से अनुरोध किया. उच्चतम न्यायालय ने गुजरात में अवैध बिटकॉइन व्यापार के एक मामले में एक आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि वह यह पता नहीं लगा सकती कि आरोपी पीड़ित था या पीड़ित करने वाला.

क्या है पूरा मामला?

भाटी ने दावा किया कि वह व्यक्ति राज्य में बिटकॉइन व्यापार के सबसे बड़े सुविधा प्रदाताओं में से एक था और उसने अधिक रिटर्न का वादा करके दूसरों को पीड़ित किया और यहां तक ​​कि अपहरण में भी शामिल रहा. शैलेश बाबूलाल भट्ट ने जमानत के लिए शीर्ष अदालत का रुख किया था. उसे कथित अवैध बिटकॉइन व्यापार के लिए पुलिस ने गिरफ्तार किया था.

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