Red Lady Finger Farming – लाल भिंडी की खेती करके किसान हो रहे मालामाल 

Red Lady Finger Farmingइंटरनेट पर आज कल खेती किसानी से जुड़े काफी सारे फैक्ट्स और जानकारी आए दिन आते रहते हैं। आज कल किसान भाई भी खेती को और बेहतर बनाने और नए नए प्रयोग सीखने के लिए इंटरनेट का इस्तमाल करते हैं।

ऐसे में हम आपको आज बताने वाले हैं की किस तरह आप हरी भिंडी के विकल्प की तरह लाल भिंडी की भी खेती कर सकते है। जिस तरह आज मार्केट में कई सब्जियों के दूसरे रंग भी उपलब्ध हैं जैसे की काले टमाटर और लाल पिली शिमला मिर्च असल में ये सब्जियां बाजार में आकर्षण का केंद्र होती हैं। 

अगर हम बात करें तो अब बाजार में हरी भिंडी के ऑप्शन के रूप में अब लाल भिंडी भी उपलब्ध है। जिस तरह से हरी भिंडी काफि पौस्टिक तत्वों से भरपूर होती है उसी तरह लाल रंग की काशी लालिमा भिंडी आयरन, जिंक, कैल्शियम और प्रोटीन का अच्छा सोर्स है।

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अब किसान भाइयों ने अपना रुख लाल भिंडी की खेती के ओर मोड़ लिया है। जिससे उन्हें अच्छी खासी कमाई भी हो रही है। इसे वाराणसी स्थित भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान ने विकसित किया है, जिसे अब उत्तर प्रदेश के साथ-साथ मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में भी खूब पसंद किया जा रहा है.

इस तरह लाल होती है भिंडी | Red Lady Finger Farming 

आपको जानकारी के लिए बता दें कि लाल भिंडी ‘काशी लालिमा’ में एंथोसाइनिन पाया जाता है, जबकि हरे रंग की भिंडी में क्लोरोफिल मौजूद होता है. एंथोसाइनिन लाल भिंडा का कारक होता है. इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स भी शरीर को हेल्दी रखने में मददगार है |

काशी लालिमा में फोलिक एसिड पाया जाता है, जो गर्भ में पल रहे बच्चे के मानसिक विकास के लिए बेहद आवश्यक होता है. इस भिंडी का नियमित सेवन करने पर कैंसर, डायबिटीज, हार्ट डिजीज, कोलेल्ट्रॉल जैसी बीमारियों का खतरा भी कम होता है |

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बाजार में मिलते हैं ज्यादा दाम | Red Lady Finger Farming 

राष्ट्रीय बीज निगम लिमिटेड की जानकारी के मुताबिक, लाल भिंडी काशी लालिमा को बाजार में ज्यादा दाम मिले है. वैसे तो लाल भिंडी को भी हरी भिंडी की तरह ही उगाया जाता है, हालांकि हरी भिंडी की तुलना में इसकी प्रति हेक्टेयर पैदावार कुछ कम है.

पाए जाते हैं कई पौस्टिक गुण | Red Lady Finger Farming 

काशी लालिमा की बुवाई 15 जून से लेकर 15 जुलाई के बीच 3.5 से 4 किलोग्राम प्रति एकड़ बीजों के साथ की जाती है. किसान चाहें तो जायद सीजन- 15 फरवरी से 15 मार्च के बीच 5 से 6 किलोग्राम प्रति एकड़ काशी लालिमा के बीजों की बुवाई कर सकते हैं |

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काशी लालिमा के बीज डालने के बाद 45 दिन के अंदर पहली हार्वेस्टिंग मिल जाती है. इस वैरायटी का हर पौधा 20 से 22 भिंडी का उत्पादन देता है. लाल भिंडी ‘काशी लालिमा’ की औसत पैदावार 150 से 180 क्विंटल प्रति हेक्टेयर दर्ज की गई है.

Source – Internet 

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