रांची और जमशेदपुर में व्यापक छापेमारी
Raid: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निजी सचिव सुनील कुमार श्रीवास्तव के घर पर इनकम टैक्स विभाग की छापेमारी हुई है। इस छापेमारी में सुनील कुमार श्रीवास्तव और उनके संबंध रखने वाले 17 स्थानों पर रेड मारी की गई। जानकारी के अनुसार, इनकम टैक्स विभाग ने रांची में सात और जमशेदपुर में नौ स्थानों पर छापेमारी शुरू की है। जमशेदपुर में अंजानिया इस्पात समेत अन्य ठिकानों पर भी कार्रवाई की गई।
चुनाव से पहले छापेमारी के पीछे संभावित कारण
यह छापेमारी 13 नवंबर को होने वाली पहले फेज की वोटिंग से ठीक पहले की गई है। आयकर विभाग को विधानसभा चुनाव में हवाला के जरिए पैसों की लेन-देन की सूचना मिलने के बाद 26 अक्टूबर को रांची, जमशेदपुर, गिरिडीह और कोलकाता में 35 ठिकानों पर छापेमारी की गई थी। इस दौरान लगभग 150 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति और निवेश से संबंधित दस्तावेज जब्त किए गए थे। छापेमारी के दौरान मिलने वाली राशि का मिलान करने के बाद 70 लाख रुपये बैंक में जमा कराए गए थे।
पिछली छापेमारी और जब्त की गई संपत्ति
5 नवंबर को भी जमशेदपुर में सीबीआई ने सीएम हेमंत सोरेन के करीबी पंकज मिश्रा के करीबियों के 16 ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान 1200 करोड़ रुपये के अवैध खनन घोटाले में 60 लाख रुपये कैश, एक किलो सोना, सवा किलो चांदी और 61 जिंदा कारतूस बरामद किए गए थे। इस मामले में सीबीआई ने नवंबर 2023 में कोर्ट के आदेश के बाद केस दर्ज किया था।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
JMM नेता मनोज पांडे का बयान: JMM नेता मनोज पांडे ने इस छापेमारी पर सवाल उठाते हुए कहा, “यह किसके इशारे पर हो रहा है? इसके पीछे क्या मकसद है? लोग बीजेपी में नहीं आ रहे हैं। रैलियां कीं और इससे उनमें निराशा पैदा हुई है। यही का नतीजा है।”
कांग्रेस नेता राकेश सिन्हा का बयान: कांग्रेस नेता राकेश सिन्हा ने कहा, “बीजेपी को विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए बीजेपी माहौल बनाना चाहती है। विपक्षी नेताओं, उनके निजी सचिवों और समर्थकों पर इनकम टैक्स और ईडी की छापेमारी से उन्हें लगता है कि इससे बीजेपी चुनाव में आगे बढ़ेगी। लेकिन राज्य के लोगों ने पहले भी बीजेपी को सत्ता से बाहर किया है और इस विधानसभा चुनाव में भी इसे पूरी तरह से खारिज कर देंगे।”
बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी का बयान: प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा, “एजेंसियां अपना काम कर रही हैं। जैसे हम अपना काम कर रहे हैं और प्रचार कर रहे हैं, वैसे ही वे भी अपना काम कर रहे हैं।”
समग्र विश्लेषण
इस छापेमारी को चुनावी माहौल के संदर्भ में देखा जा रहा है, जहाँ राजनीतिक पार्टियाँ एक-दूसरे पर आरोप लगा रही हैं। जबकि कांग्रेस पक्ष इसे भाजपा की चुनावी रणनीति के हिस्से के रूप में देखता है, भाजपा इसे कानूनी प्रक्रिया के तहत हो रही कार्रवाई मानती है। इस प्रकार, आगामी चुनावों के संदर्भ में यह मामला राजनीतिक तनाव को बढ़ावा दे सकता है। झारखंड में चल रही इनकम टैक्स की छापेमारी से राजनीतिक दलों के बीच तनाव बढ़ रहा है। आगामी विधानसभा चुनावों के बीच यह मामला राजनीतिक दलों के बीच के मतभेदों को और गहरा सकता है। वहीं, यह भी देखा जा रहा है कि विभिन्न राजनीतिक नेताओं द्वारा इस मामले पर अपने-अपने दृष्टिकोण प्रस्तुत किए जा रहे हैं, जिससे चुनावी वातावरण में और अधिक जटिलता उत्पन्न हो सकती है।
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