पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा होगी 12 से 18 दिसम्बर तक
बैतूल – Pradeep Mishra Ji Katha – मन की शांति के लिए सत्संग-प्रवचन एक उपचार है जिसके लिए पंडित प्रदीप मिश्र की विशाल कथा होने जा रही है लेकिन मन के साथ तन के भी बहुत बीमार इन कथा सत्संग में शामिल होंगे। इसके लिए आयोजन समिति व्दारा कथास्थल पर ही उपचार की व्यवस्था भी रहेगी। साथ ही पतंजलि समिति के व्दारा योग, आर्युवेद एवं चिकित्सा शिविर भी लगाया जाएगा।
Pradeep Mishra Ji Katha – मन के साथ साथ तन का भी कथास्थल पर होगा उपचार
गौरतलब है कि मां ताप्ती शिवपुराण समिति के तत्वावधान में आगामी 12 से 18 दिसंबर तक शिवधाम कोसमी में पंडित प्रदीप मिश्रा की शिवपुराण कथा का आयोजन किया जा रहा है। इस कथा को सुनने आने वाले श्रद्धालुओं के लिए व्यापक व्यवस्थाएं की जा रही हैं। श्रद्धालुओं की सेहत का भी कथा के दौरान पूरा ध्यान रखा जाएगा। इसके लिए कथा स्थल पर डॉक्टर और उनकी टीम के साथ ही एंबुलेंस भी मौजूद रहेगी।
Pradeep Mishra Ji Katha – मन के साथ साथ तन का भी कथास्थल पर होगा उपचार
आयोजन समिति के सह संयोजक द्वय आशु किलेदार और योगी राजीव खंडेलवाल ने बताया कि कथा सुनने आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो, इस बात का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। इस विराट और भव्य आयोजन की सभी व्यवस्थाएं सुचारू रूप से चलती रहे, इसके लिए एक दर्जन से अधिक समितियों का गठन कर इन्हें अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। कथा सुनने के लिए बाहर से और स्थानीय स्तर से हजारों लोग पहुंचेंगे। बाहर से आने वाले श्रद्धालु यहीं पर रुकेंगे। कड़ाके की ठंड में उनकी सेहत पर भी असर पड़ सकता है। लिहाजा, इसके लिए एक स्वास्थ्य समिति का भी गठन किया गया है। इसके तहत कार्यक्रम स्थल पर सेवाभावी डॉक्टर और उनकी पूरी टीम मौजूद रहेगी। यदि किसी की तबीयत खराब होती है तो उसके उपचार के साथ आवश्यक दवाइयां भी उसे वहीं उपलब्ध कराई जाएगी।
गंभीर मरीजों के लिए एंबुलेंस भी(Pradeep Mishra Ji Katha)
इतना ही नहीं, यदि किसी श्रद्धालु की तबीयत गंभीर हो जाती है और उसे तत्काल अस्पताल पहुंचाना पड़े तो इसके लिए भी व्यवस्था रहेगी। कार्यक्रम स्थल पर एक एंबुलेंस की व्यवस्था भी समिति ने की है। यह एंबुलेंस लायंस क्लब ने उपलब्ध भी करा दी है। यह बुधवार शाम को ही कार्यक्रम स्थल पर पहुंच गई है। यह अब कार्यक्रम समाप्त होते तक समिति के पास ही उपलब्ध रहेगी ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में इसका उपयोग तत्काल किया जा सके।