Politics : कांग्रेस के फॉर्मूले ने बढ़ा दी बुजुर्ग नेताओं की चिंता

नई दिल्ली – उदयपुर के चिंतन शिविर में 50 प्रतिशत पद 50 साल से कम उम्र वालों को देने के फैसले से प्रदेश कांग्रेस में अभी से गुणा-भाग शुरू हो गया है। इस फॉर्मूले का 100 प्रतिशत पालन हुआ तो 2023 के विधानसभा चुनाव में ही 115 टिकट और उसके बाद लोकसभा चुनाव में 14 टिकट 50 साल से कम उम्र वाले नेताओं को मिलेंगे। विधानसभा चुनाव में इस आधार पर टिकट दिए गए तो 47 मौजूदा विधायकों का पत्ता कट जाएगा। इनमें बैतूल के चार में से तीन कांग्रेस विधायक भी 50 साल की उम्र पार कर चुके हैं। जबकि 48 कांग्रेस विधायक 50 साल से कम उम्र के हैं, जिनके टिकट में उम्र का बंधन आड़े नहीं आएगा। इनमें बैतूल के निलय डागा जिले के एक मात्र ऐसे कांग्रेस विधायक है जिनकी आयु 50 वर्ष से कम है।

पचास का फॉर्मूला टिकटों के साथ संगठन के पदों पर लागू किया जाएगा तो प्रदेश के पदों के साथ जिलों में भी आधे टिकट ही बदले जा सकते हैं। प्रदेश संगठन में इसको लेकर चर्ची चल रही है कांग्रेस के संगठन महामंत्री चंद्रप्रभाष शेकर की उम्र भी 75 वर्ष से अधिक है। प्रदेश उपाध्यक्ष प्रकाश जैन, राजीव सिंह और जेपी धनोपिया जैसे चेहरे भी हैं, जिन्हें पद रहने के लिए संघर्ष करना पड़ेगा।

60-70 वाले विधायक

60 से अधिक उम्र के विधायकों व नेताओं की संख्या 19 हैं। इनमें प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ (75) के पास अहम जिम्मेंदारी है। उनके ही नेतृत्व में कांग्रेस 2023 के चुनाव में उतर रही है। कांतिलाल भूरिया, डॉ. गोविंद सिंह, आरिफ अकील और पीसी शर्मा के बारे में भी कहा गया है कि ये उनका आखिरी चुनाव है। सज्जन सिंह वर्मा, विजयलक्ष्मी साधौ, केपी सिंह भी 65 के करीब हैं। बैतूल जिले के भैंसदेही से निर्वाचित कांग्रेस विधायक धरमू सिंह सिरसाम 60 वर्ष, घोड़ाडोंगरी के ब्रम्हा भलावी 56 वर्ष और मुलताई के सुखदेव पांसे 52 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके हैं।

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