नप के गठन के बाद से ही भाजपा का कब्जा
Political News – बैतूल – वैसे तो पूरे प्रदेश में प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस की स्थिति निरंतर कमजोर होती जा रही है। और इसी परिपेक्ष्य में बैतूल जिला भी इसी राजनैतिक समस्या से ग्रस्त दिखाई दे रहा है। जहां एक ओर जिले ेमें कांग्रेस का संगठन अत्यंत कमजोर स्थिति में है वहीं लगभग सभी संस्थाओं में कांग्रेस समर्थित प्रतिनिधियों की संख्या ना के बराबर है। गत दिवस चिचोली में हुए सहकारी समिति के चुनाव में भी यही स्थिति और समग्र चिचोली क्षेत्र की बात करें तो लगभग हर चुनाव में कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ रही है।
नगर परिषद पर नहीं हुई जीत नसीब | Political News
वर्ष 2012-13 में आठनेर और चिचोली को ग्राम पंचायत से अपग्रेड कर नगर परिषद में तब्दील किया गया था। चिचोली नगर परिषद में गठन के बाद से हुए तीनों चुनाव में कांग्रेस को एक भी बार जीत नसीब नहीं हुई है। तीनों चुनाव में भाजपा ने पूरी परिषद पर कब्जा जमाया है। अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं अधिकांश पार्षदों के पदों पर भी भाजपा समर्थित सदस्य ही काबिज हुए हैं। जबकि चिचोली में जब ग्राम पंचायत थी तो कई बार कांग्रेस समर्थित सरपंच भी चुनाव जीता है लेकिन धीरे-धीरे कांग्रेस कमजोर होती गई।
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नप पर एक ही परिवार का है कब्जा
नगर परिषद के गठन के बाद से ही चिचोली में जहां भाजपा का कब्जा है वहीं भाजपा समर्थित एक ही परिवार के सदस्य हर माह नगर परिषद में अध्यक्ष का चुनाव जीत रहे हैं। पहले चुनाव में श्रीमती सुलोचना मालवीय अध्यक्ष निर्वाचित हुई। उसके बाद उनके पति और वरिष्ठ भाजपा नेता संतोष मालवीय ने नप अध्यक्ष का चुनाव जीता और वर्तमान में संतोष मालवीय की बहू श्रीमती वर्षा मालवीय नप अध्यक्ष बनी हैं। संभवत: मध्यप्रदेश में यह पहली नगर परिषद हैं जहां एक ही परिवार के तीन सदस्य तीन बार लगातार अध्यक्ष निर्वाचित हुए।
सांसद के चुनाव में भी कांगे्रस का सूपड़ा साफ | Political News
लंबे समय से चिचोली क्षेत्र के मतदाता लोकसभा और विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पर भरोसा नहीं कर रहे हैं। 1996 से तो सांसद पद पर भाजपा का ही सदस्य निर्वाचित हो रहा है और हर चुनाव में चिचोली क्षेत्र में सांसद पद के लिए हुए चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को अच्छी लीड मिलती रही है। वर्तमान में भी भाजपा सांसद डीडी उइके इस क्षेत्र से बड़े अंतर से चुनाव जीते हैं।
विधायकों पर क्षेत्र का प्रभाव घटा
2008 में विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन के पहले क्षेत्र के दोनों ही प्रमुख दलों कांग्रेस और भाजपा के नेताओं का जिले के तीन विधानसभाओं पर तगड़ा प्रभाव था क्योंकि चिचोली क्षेत्र के आसपास बैतूल, घोड़ाडोंगरी और भैंसदेही तीनों ही विधानसभा का क्षेत्र मिलता था इसलिए इन तीनों विधानसभा के चुनाव के दौरान प्रमुख राजनैतिक दल कांग्रेस और भाजपा के उम्मीदवारों को इस क्षेत्र के नेताओं पर आश्रित रहना पड़ता था लेकिन परिसीमन के बाद स्थिति बदली और अब चिचोली घोड़ाडोंगरी विधानसभा क्षेत्र में है। वहीं भैंसदेही और बैतूल विधानसभा क्षेत्र बदलने से इन दोनों विधानसभा क्षेत्रों के उम्मीदवारों को चिचोली क्षेत्र के नेताओं की जरूरत खत्म हो गई है।
सहकारिता के क्षेत्र में भी भाजपा मजबूत | Political News
लंबे समय से सहकारी संस्थाओं के चुनाव में भी क्षेत्र के भाजपा नेताओं का प्रभाव बढ़ रहा है। गत दिवस चिचोली सहकारी समिति के हुए प्रतिष्ठापूर्ण चुनाव में कांग्रेस समर्थित एक भी उम्मीदवार को संचालक मंडल का चुनाव जीतने में सफलता प्राप्त नहीं हुई। भाजपा के वरिष्ठ नेता बाली मालवीय के नेतृत्व में लगभग सभी पदों पर भाजपा समर्थित चुनाव जीते हैं। यह बात अलग है कि जनपद चिचोली और जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव में कभी कभी कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार सफल हो जाते हैं।
चिचोली क्षेत्र में ये सक्रिय नेता
चिचोली क्षेत्र में पूर्व में कांग्रेस का बोलबाला रहा और उस समय राजेंद्र जायसवाल और उनके समर्थकों का क्षेत्र में एकतरफा कब्जा रहा है। उनके अलावा कांग्रेस में विजय आर्य, अजीत आर्य, मनोज आर्य, राजेंद्र यादव, बटनू पटेल, राहुल आर्य सहित अन्य कांग्रेस नेताओं ने समय-समय पर अपनी ताकत दिखाई है लेकिन अब क्षेत्र में भाजपा नेताओं की एक तरफा चल रही है जिसमें प्रमुख रूप से संतोष मालवीय एवं उनका परिवार शामिल है। इसके अलावा वरिष्ठ भाजपा नेता अनिल सिंह कुशवाह भी जिला भाजपा की कमान संभाल चुके है।