शिक्षक दुर्गादास उइके बने केंद्रीय राज्यमंत्री
![](https://khabarwani.com/wp-content/uploads/2023/08/Rajnaitik-Samiksha.jpg)
Political News – बैतूल – जिले की राजनैतिक पृष्ठभूमि को सूक्ष्मता से देखे तो बैतूल ने विभिन्न मौके पर अधिवक्ताओं, चिकित्सकों, किसानों और शिक्षकों को भी विभिन्न राजनैतिक दलों ने लोकसभा और विधानसभा में प्रतिनिधित्व करने का अवसर दिया है। लेकिन गुरुजनों को जिन्हें यह माना जाता है कि उनका कार्य क्षेत्र सीमित है उन्हें भी चुनाव लडऩे उम्मीदवार बनाया और वह सफल भी हुए। लेकिन सिर्फ भाजपा ऐसी पार्टी है जिसमें गुरुजनों को विधायक से केंद्रीय मंत्री तक बनने का बड़ा मौका प्रदान किया है।
दुर्गादास उइके बने केंद्रीय मंत्री | Political News
![](https://khabarwani.com/wp-content/uploads/2024/06/image-30.png)
- ये खबर भी पढ़िए :- 13 हजार से भी कम कीमत में 50MP कैमरा और 5000mAh बैटरी वाले Vivo के धांसू फ़ोन ने मारी एंट्री
शिक्षक की नौकरी कर रहे दुर्गादास उइके को 2019 में भाजपा ने पहली बार बैतूल-हरदा-हरसूद संसदीय सीट से चुनाव लडऩे के लिए कहा तब श्री उइके ने तत्काल शासकीय सेवा से त्यागपत्र देकर राजनैतिक में उतरने का निर्णय लिया और भाजपा की टिकट पर 2019 का लोकसभा चुनाव लड़े। और जिले के 70 साल के इतिहास में सर्वाधिक मतों से चुनाव जीतने का रिकार्ड बनाया। 2019 से 2024 तक केंद्र की कई महत्वपूर्ण संसदीय समितियों के सदस्य भी रहे। 2024 में पुन: भाजपा ने लोकसभा चुनाव का उम्मीदवार बनाया और एक बार फिर जीत का अपना ही रिकार्ड तोड़ते हुए सांसद निर्वाचित हुए। और दो दिन पूर्व मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में उन्हें केंद्रीय राज्यमंत्री बनने की बड़ी जिम्मेदारी मिली और उन्हें जनजाति मंत्रालय की जवाबदारी दी गई है।
गंगाबाई को भी मिला था मंत्री का दर्जा
![](https://khabarwani.com/wp-content/uploads/2024/06/image-31.png)
घोड़ाडोंगरी क्षेत्र में शिक्षिका की नौकरी कर रही गंगाबाई उइके को भी भाजपा ने कई वर्ष पूर्व सक्रिय राजनीति में उतरने का मौका दिया और उन्होंने शिक्षिका के शासकीय पद से इस्तीफा दे दिया। तत्कालिन शिवराज सिंह सरकार ने गंगाबाई उइके को राज्य महिला आयोग के सदस्य के रूप में बड़ी जिम्मेदारी और राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया। गंगाबाई उइके को 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने घोड़ाडोंगरी विधानसभा से उम्मीदवार बनाया और उन्होंने यह सीट कांग्रेस से छीनकर विधायक बनने का अवसर प्राप्त किया।
रामजीलाल गुरुजी भी बने थे मंत्री | Political News
![](https://khabarwani.com/wp-content/uploads/2024/06/image-33-734x1024.png)
1980 में भाजपा के गठन के बाद दो विधानसभा चुनाव में पहली बार किसी शिक्षक को विधानसभा चुनाव लडऩे का अवसर मिला। शिक्षक रहे रामजीलाल उइके को भाजपा की टिकट पर घोड़ाडोंगरी विधानसभा सीट से 1980 में चुनाव लड़वाया गया और वे निर्वाचित हुए। लेकिन 1985 में चुनाव हार गए। 1990 में फिर भाजपा की टिकट पर भाजपा निर्वाचित हुए और तत्कालिन सुंदरलाल पटवा सरकार में उन्हें संसदीय सचिव उद्योग बनाया गया। इस तरह से भाजपा ने ही शिक्षकों को राजनैतिक में मौका देकर बड़ी जिम्मेदारी भी दी।
सज्जनसिंह भी बने थे विधायक
![](https://khabarwani.com/wp-content/uploads/2024/06/image-34.png)
शिक्षक की सरकारी नौकरी कर रहे सज्जनसिंह उइके को भाजपा ने इस्तीफा दिलवाकर 2003 के विधानसभा चुनाव में घोड़ाडोंगरी सीट से ही चुनाव लड़वाया और उन्होंने कांग्रेस के पूर्व मंत्री को हराकर यह सीट भाजपा की झोली में डाल दी। इसके बाद 2013 में फिर उन्हें विधानसभा चुनाव लड़वाया और वे फिर चुनाव जीते। लेकिन बीमारी के चलते उनका 2016 में निधन हो गया। इस बार इसी सीट से उनकी पत्नी गंगाबाई उइके विधायक है।