एक दूसरे को निपटाने के चलते सब निपटे
Political News – बैतूल – सांध्य दैनिक खबरवाणी ने मतदान के बाद 25 नवम्बर 2023 को चुनाव में जिले भर में चले त्रिदेव कांग्रेस के दांव-पेंच शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। जिसमें यह बताया था कि कैसे जिले की पांचों विधानसभा सीट पर कांग्रेसी बंटे हुए थे। और सबके अपने-अपने स्वार्थ थे। और उसी के अनुरूप किसी विधानसभा कोई कांग्रेसी कांग्रेस प्रत्याशी को जिता रहा था तो दूसरी विधानसभा में उसका यह प्रयास था कि वहां का कांग्रेस प्रत्याशी चुनाव हार जाए।
इसी तरह से तीसरा गुट तो इससे भी आगे था। उसकी सोच थी कि कांग्रेस के दोनों प्रमुख उम्मीदवार चुनाव हार जाए और प्रदेश में कांग्रेस सरकार बन जाए ताकि सरकार बनने पर उन्हें छोटा-मोटा कोई लालीपाप प्राप्त हो जाए। इस तरह से त्रिदेव कांग्रेस ने जिले में कांग्रेस के प्रत्याशियों को निपटाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जिसका परिणाम सबके सामने है। और कांग्रेस का सूपड़ा ही जिले में साफ हो गया।
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एक-दूसरे को निपटाने में लगे थे कांग्रेसी | Political News
जिले में कांग्रेस के तीन गुट है यह किसी से नहीं छिपा है। एक गुट का नेतृत्व लंबे समय से मुलताई के विधायक रहे सुखदेव पांसे कर रहे हैं तो दूसरे गुट का नेतृत्व 2018 में बैतूल का विधायक बनने के बाद से निलय डागा के हाथ में था। वहीं तीसरा ऐसा गुट भी था जो दोनों गुट को कभी बैलेंस करता था और कभी अलग दिखता था। इस गुट का नेतृत्व जिला कांग्रेस अध्यक्ष शहर सुनील शर्मा और प्रदेश महामंत्री समीर खान कर रहे थे।
इन त्रिदेव कांग्रेसियों की मारक क्षमता सिंगल विधानसभा पर ना होते हुए हर विधानसभा के असंतुष्ट कांग्रेसी इनके सहयोगी नजर आ रहे थे। और ऐसे ही असंतुष्ट कांग्रेसियों की दिन प्रतिदिन बैठकें भी हो रही थी। बैतूल विधानसभा की बात करें तो कांगे्रस प्रत्याशी निलय डागा अपने बल पर चुनाव लड़े। उन्हें भी पता था कि संगठन के नाम पर कांग्रेस में उनको मनचाहा सहयोग नहीं मिलेगा। क्योंकि संगठन सुखदेव पांसे के गुट से जुड़ा हुआ था और हुआ भी यही।
तीन जिताना है तो दो सीट हराना था लक्ष्य
कुछ कांग्रेसी जहां मुलताई में कांग्रेस प्रत्याशी को जिताना चाह रहे थे तो बैतूल में हराने का लक्ष्य था। और यह समूह भंैसदेही में भी जयस के हाथ मजबूत कर रहा था ताकि धरमूसिंह घर बैठ जाए। इसके साथ ही ये गुट आमला में उनके मनचाहे कांग्रेस प्रत्याशी मनोज मालवे के लिए और घोड़ाडोंगरी में राहुल उइके के लिए प्रयासरत था। इस गुट की यह भी कोशिश थी कि मुलताई, आमला और घोड़ाडोंगरी तीन जीत जाए तो उनका मनचाहा नेता मंत्री बन जाएगा और उनकी पूर्व की तरह दुकान चल निकलेगी।
भाजपा नेता ने कांग्रेस को जिताने किया सहयोग | Political News
इसी तरह से कुछ कांग्रेसी बैतूल में कांग्रेस को तो मुलताई और आमला में भाजपा को जिताने के लिए अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग प्रदान कर रहे थे ऐसी जानकारी बाहर आ रही है। जानकारी तो यह भी आ रही है कि एक भाजपा नेता ने भी अपने क्षेत्र से लगे कई गांव में कांग्रेस प्रत्याशी को जिताने के लिए सहयोग दिया था। यह बात अलग है कि वहां तो भाजपा जीत गई लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी को जिताने में सफल नहीं हो सके।
नहीं पचा पा रहे कांग्रेसी हार, ईव्हीएम पर फोड़ रहे ठीकरा
प्रदेश भर में इस बार कांग्रेस की गुटबाजी ने कांग्रेस का भट्टा बैठा दिया और जीतती हुई कांग्रेस की शर्मनाक हार हो गई। 150 प्लस का दावा करने वाले कांग्रेस के दोनों दिग्गज कमलनाथ और दिग्विजय सिंह मतदान के बाद भी अपने इस दावे से पीछे नहीं हट रहे थे। लेकिन परिणाम आने के बाद अब ये दिग्गज अपनी हार को पचा नहीं पा रहे हैं और हर बार की तरह ईव्हीएम पर ठीकरा फोड़ रहे हैं। कांग्रेसी अभी भी इसी मुगालते में है कि जनता तो उन्हें जिता रही थी लेकिन भाजपा ने ईव्हीएम मशीनें हैक करवाकर चुनाव परिणाम पलटा दिया। कांग्रेस के दिग्गज यह भूल गए कि अगर ऐसे ही मशीनें हैक होते रहती तो कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश और तेलंगाना का चुनाव परिणाम भी भाजपा के पक्ष में होता।
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