Political News – कहीं दावेदारों ने दिखाई निष्ठा तो कहीं दिखा विद्रोह

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अंतिम दिन समर्थन की भी आई जानकारी सामने

Political News – बैतूल विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर बैतूल जिले की पांच विधानसभा सीटों पर 49 उम्मीदवारों ने अपना भाग्य आजमाया था। लेकिन लगभग सभी सीटों पर मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों के बीच ही दिखाई दिया।

मात्र भैंसदेही विधानसभा सीट पर भाजपा के विद्रोहियों को त्रिकोणीय संघर्ष का कारण बताया गया। लेकिन राजनैतिक समीक्षकों का यह मानना है कि चुनाव का फैसला भाजपा और कांग्रेस उम्मीदवार के बीच ही होगा। चुनाव के पहले कई विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा के कई दावेदार टिकट के लिए भोपाल पहुंचे थे और उनमें से कई टिकट न मिलने पर विद्रोह की स्थिति में दिखाई दिए और कुछ ने पार्टी प्रत्याशी के विरूद्ध चुनाव भी लड़ा।

यही स्थिति गोंडवाना गणतंत्र पार्टी में भी दिखाई दी जहां जिलाध्यक्ष को गोंगपा के अधिकृत उम्मीदवार के खिलाफ बैतूल सीट से निर्दलीय चुनाव लडऩा पड़ा। लेकिन कई ऐसे भी दावेदार सामने आए जो टिकट नहीं मिलने के बावजूद पार्टी के प्रति पूर्ण निष्ठावान रहे और पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के लिए पूरी ताकत से काम किया।

Political News - Somewhere the claimants showed loyalty and somewhere else they showed rebellion.
कहीं दावेदारों ने दिखाई निष्ठा तो कहीं दिखा विद्रोह

मुलताई में दावेदारों ने किया निष्ठा से काम | Political News

अगस्त माह में ही भाजपा ने मुलताई सीट से पूर्व विधायक चंद्रशेखर देशमुख को उम्मीदवार घोषित कर दिया था लेकिन अंत तक उम्मीदवारी की आस में वरिष्ठ भाजपा नेता हेमंतराव देशमुख और राजू पंवार प्रयासरत रहे। और उनके इस प्रयास को कुछ लोगों ने विद्रोह की कोशिश भी बताया। लेकिन जैसे ही चुनाव प्रचार शुरू हुआ इन दोनों प्रमुख भाजपा नेताओं ने यह दिखा दिया कि उनके लिए पार्टी निष्ठा सर्वोपरि है।

राजू पंवार को जहां पार्टी ने विधानसभा क्षेत्र का प्रभारी बनाया वहीं पूरे चुनाव में चंद्रशेखर देशमुख के चुनाव संचालन की कमान हेमंतराव देशमुख ने निभाई। इसके अलावा भाजपा समर्थित जिला पंचायत सदस्य उर्मिला गव्हाड़े के परिवार से निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव लड़ी जिसके लिए स्वयं जिपं सदस्य ने भी खुलकर भाजपा का विरोध किया। पार्टी ने भी इन्हें निष्कासित करने में देर नहीं लगाई।

युवा नेता और पंवार समाज के प्रतिष्ठित व्यक्ति पलाश कड़वे भी चुनाव मैदान में थे। लेकिन बताया जा रहा है कि आखरी दिन इन्होंने पुन: पार्टी के प्रति निष्ठा जाहिर कर दी जिसका लाभ भाजपा उम्मीदवार को मिलने की संभावना बताई जा रही है। इस विधानसभा सीट से 12 प्रत्याशी मैदान मेंं थे और मुख्य मुकाबला भाजपा-कांग्रेस में ही बताया जा रहा है। इस सीट पर बसपा, सपा, बहुजन मुक्ति पार्टी, नेशनल वल्र्ड लीडर पार्टी से भी उम्मीदवार मैदान में थे लेकिन यह उम्मीदवार भाजपा और कांग्रेस को मिलने वाले मतों को प्रभावित करने की स्थिति में नहीं थे।

बैतूल सीट पर गोंगपा में हुआ था विद्रोह | Political News

बैतूल विधानसभा सीट से 13 उम्मीदवार मैदान में थे जिनमें प्रमुख रूप से भाजपा के हेमंत खण्डेलवाल और कांग्रेस के निलय डागा शामिल है। इस सीट पर गोंगपा ने शिवपाल सिंह राजपूत को अपना अधिकृत प्रत्याशी बनाया लेकिन गोंगपा के जिलाध्यक्ष रहे हेमंत सरियाम को भी पार्टी ने एबी फार्म दे दिया था। लेकिन शिवपाल सिंह को मिले एबी फार्म को अधिकृत मानते हुए निर्वाचन अधिकारी ने उन्हें पार्टी का अधिकृत प्रत्याशी माना।

इस पर हेमंत सरियाम ने विद्रोह कर दिया और निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में आ गए। कांग्रेस से इस सीट से अरूण गोठी ने भी दावा ठोका था लेकिन पार्टी ने टिकट नहीं दी। तो अरूण गोठी ने मुलताई सीट से पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के पक्ष में चुनाव प्रचार मेंं समय दिया। भाजपा से भी हेमंत खण्डेलवाल के अलावा अलकेश आर्य ने टिकट चाही थी लेकिन पार्टी ने बड़े चेहरे हेमंत खण्डेलवाल पर ही विश्वास जताया।

इसी बीच कुंबी समाज के जिलाध्यक्ष दिनेश म्हस्की भी लाव लश्कर के साथ भाजपा से टिकट के लिए भोपाल पहुंच गए पर चुनाव प्रचार के बीच उनका एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें उन्होंने लोगों को मतदान के लिए प्रेरित किया। राजनैतिक समीक्षकों ने इस वीडियो को भाजपा उम्मीदवार के खिलाफ माना। वैसे इस विधानसभा सीट पर भाजपा और कांग्रेस दोनों उम्मीदवारों को भीतरघात का भी सामना करना पड़ा है। कई बड़े चेहरे पर्दे के पीछे और कई पर्दे के सामने दूसरी पार्टी को जिताने के लिए लगे रहे।

To Be Continued…….