बैतूल – Politcal News – जिले में नगरीय निकायों के चुनाव के पहले दौर में भाजपा को जिला मुख्यालय की बैतूल नगर पालिका, भैंसदेही नगर परिषद, बैतूल बाजार नगर परिषद और मुलताई नगर पालिका में स्पष्ट बहुमत मिला था वहीं आमला में भाजपा और कांग्रेस के बराबर-बराबर प्रत्याशी जीते थे। और कांग्रेस को एकमात्र घोड़ाडोंगरी नगर परिषद में स्पष्ट बहुमत प्राप्त हुआ था। बाद में अध्यक्ष पद के चुनाव के दौरान मुलताई में भाजपा के तीन प्रत्याशियों के विद्रोह करने से भाजपा की असंतुष्ट पार्षद अध्यक्ष निर्वाचित हो गई। वहीं आमला में निर्दलीय और अन्य कारणों से कांग्रेस पार्षद को अध्यक्ष बनने का मौका मिल गया। इसी के साथ शाहपुर नगर परिषद में निर्दलीय पार्षदों को बहुमत मिला और उन्हीं के बीच से अध्यक्ष बना।
नगरीय निकाय चुनाव के दूसरे दौर में जिले की सबसे बड़ी नगर पालिका सारनी, नगर परिषद चिचोली और नगर परिषद आठनेर में मतदान हुआ। और तीनों ही स्थान पर भाजपा को बहुमत मिल गया। अध्यक्ष का चुनाव अभी बाकी है लेकिन जिस तरह से तीनों नगरीय निकायों की स्थिति सामने आ रही है उसमें तीनों ही जगह भाजपा का अध्यक्ष बनना तय माना जा रहा है।
सारनी के 36 में से 15 वार्डों में कांग्रेस तीसरे पर
सारनी नगर पालिका परिषद के 36 वार्डों के चुनाव में राजनैतिक समीक्षकों का यह आंकलन था कि इस बार फिर भाजपा को सारनी में नुकसान हो सकता है लेकिन 36 में से 19 भाजपा, 11 कांग्रेस और 6 निर्दलीय पार्षद चुनाव जीते हैं। निर्दलियों में भी अधिकांश भाजपा के विद्रोही माने जा रहे हैं लेकिन सारनी के 36 वार्डों का आंकलन करें तो 14 वार्डों में कांग्रेस के प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहे और वार्ड नं. 31 में तो चौथे स्थान पर पहुंच गया।
चिचोली नगर परिषद में भी कांग्रेस की डूबी लुटिया
चिचोली नगर परिषद के गठन होने के बाद लगातार तीसरे चुनाव में कांग्रेस को सफलता नहीं मिल रही है। वहीं मालवीय परिवार की दमखम के चलते भाजपा लगातार तीसरी बार अपना अध्यक्ष निर्वाचित कर रही है। नगर के 15 वार्डों में से 11 वार्डों में भाजपा के पार्षद चुनाव जीते हैं। वहीं 4 स्थानों पर कांग्रेस को सफलता अवश्य मिली है लेकिन तीन वार्डों में तो कांग्रेस तीसरे स्थान पर चली गई। और तीनों ही स्थानों पर कांग्रेस के प्रत्याशियों को दो अंकों में ही वोट मिल सके हैं जो कांग्रेस की दिन प्रतिदिन क्षेत्र में गिरती साख का उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं।
आठनेर में भी लगातार दूसरी बार भाजपा
आठनेर में नगर परिषद के गठन होने के बाद कांग्रेस को सफलता अवश्य मिली थी लेकिन यह सफलता लंबे समय तक नहीं चल पाई और इसके बाद हुए दोनों चुनाव में कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी। इस बार हुए चुनाव में आठनेर के 15 वार्डों में से 9 में भाजपा, 5 में कांग्रेस और 1 निर्दलीय चुनाव जीता है। जिन 10 वार्डों में कांग्रेस चुनाव हारी है उनमें से दो वार्डों में कांग्रेस प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहे हैं। इस क्षेत्र की खास बात यह रही कि 15 वार्डों में से कांग्रेस ने जिन चार वार्डों में अल्पसंख्यक प्रत्याशी मैदान में उतारे थे वे चारों चुनाव हार गए हैं।
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