Nano Zinc Aur Rock Phosphorus – केंद्र सरकार की पहल से किसानों को होगा बड़ा फायदा 

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अमेर‍िका की तर्ज अब देश में भी बड़े-बड़े होंगे आम, अमरूद और प्याज

Nano Zinc Aur Rock Phosphorusकिसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है, क्योंकि केंद्र सरकार ने नैनो रॉक फॉस्फेट और नैनो जिंक ऑक्साइड को लॉन्च करने की तैयारी शुरू कर दी है, जो नैनो यूरिया और नैनो डीएपी के बाद आने वाले हैं। केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया ने इसे लेकर एक बयान जारी किया है, जिसमें उन्होंने बताया है कि यह नैनो रॉक फॉस्फेट और नैनो जिंक ऑक्साइड बहुत जल्द ही किसानों के लिए उपलब्ध होंगे। इससे भारत में बागवानी और जड़वाली सब्जियों की उन्नति होगी, जैसे कि आलू, हल्दी, अदरक, प्याज, लहसुन, और अमरूद।

विदेश की तर्ज पर होगी खेती | Nano Zinc Aur Rock Phosphorus 

नैनो रॉक फॉस्फेट और नैनो जिंक ऑक्साइड के आगमन के बाद, भारत में भी अमेरिका की तरह बड़े-बड़े साइज के प्याज उत्पन्न होने की संभावना है। यहाँ तक कि अब तक, किसान जितने भी बीज बदल लें, प्याज का साइज बढ़ाने में सफल नहीं हो पा रहा था। हालांकि, नैनो रॉक फॉस्फेट और नैनो जिंक ऑक्साइड को खेतों में लाने के बाद, जड़वाली सब्जियां और बड़े-बड़े साइज के प्याज मिलने लगेंगे। इससे किसानों को बाजार में उनकी फसलों के अच्छे मूल्य प्राप्त होने की आशा है।

फास्फोरस की कमी को दूर

नैनो रॉक फॉस्फेट खेतों में फास्फोरस की कमी को दूर करने के लिए उपयोगी है, जबकि नैनो जिंक ऑक्साइड का उपयोग फसलों को क्षतिग्रस्त होने से बचाने और स्वस्थ रखने के लिए किया जाता है। प्रधानमंत्री के हाईपावर कृषि और एमएसपी सलाहकार समिति के सदस्य बिनोद आनंद, न्यूज 18 हिंदी के साथ बातचीत में कहते हैं, ‘नैनो रॉक फॉस्फेट के आने के बाद भारत में अधिकांश क्षेत्रों की मिट्टी में फास्फोरस की व्यापक कमी को दूर किया जाएगा। इसके साथ ही रॉक फॉस्फेट के लिए विदेशों पर निर्भरता भी कम हो जाएगी। यह नैनो उर्वरक सभी प्रमुख फसलों में फास्फोरस की कमी को दूर करने में मदद करेगा। साथ ही फसलों की उत्पादन दक्षता को बढ़ाने के लिए नैनो टेक्नोलॉजी एक कारगर साधन के रूप में विकसित होगा।’

विशेषज्ञों की राय | Nano Zinc Aur Rock Phosphorus 

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एक नैनो की बोतल 20 ग्राम के बराबर होती है, और फसलों की क्वालिटी में सुधार के लिए इन दोनों के उपयोग की बहुत ज्यादा मात्रा की आवश्यकता है। इससे हम क्वालिटी फूड उत्पादन कर सकते हैं, और किसानों तक पहुंचाने में भी उर्जा की कमी होगी। यह किसानों तक 500 एमएल की बोतल में पहुंचता है, जबकि इसका बैग 45-50 किलो का होता है। नैनो रॉक फॉस्फेट का प्रयोग अभी किसानों द्वारा बहुत कम किया जाता है। वर्तमान में किसानों के मन में यह बात है कि यूरिया-डीएपी से ही फसल की उत्तम वृद्धि होती है, हालांकि नाइट्रोजन, फास्फोरस, और पोटाशियम भी खेतों के लिए उतना ही आवश्यक हैं।

फलों को स्वस्थ रखता है  नैनो जिंक ऑक्साइड

नैनो जिंक ऑक्साइड का उपयोग फलों को स्वस्थ रखने के लिए किया जाता है, उदाहरण के तौर पर आम के छोटे में ही गिर जाते हैं, जिसमें जिंक की कमी होती है। आंबला और अमरूद जैसी फसलें भी मेच्योर होने से पहले ही गिर जाती हैं, जिसमें भी जिंक की कमी होती है। नैनो रॉक फॉस्फेट और नैनो जिंक ऑक्साइड के प्रयोग के बाद आम, अमरूद, हल्दी, जड़ वाली सब्जियों की फसलें अब अच्छे से पकेंगी, जिससे किसानों को उत्पादन में फायदा होगा। साथ ही, प्राइवेट कंपनियों के तुलना में किसानों को 40 गुना सस्ती दरों पर भी लाभ होगा।

Source – Internet