सांध्य दैनिक खबरवाणी, मुलताई:-
1. बहुत लंबे समय से पवित्र नगरी मुलताई की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है। चूंकि जिला मुख्यालय और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में समन्वय की कमी है। वर्तमान में पदस्थ बीएमओ ग्वालियर चंबल क्षेत्र से आते हैं, जानकारी के अनुसार वह स्वयं मुलताई में नहीं रहना चाहते, जिसके चलते उनका ध्यान स्वास्थ्य सेवाओं पर नहीं है। नगर के सरकारी अस्पताल में पदस्थ बीएमओ पंचमसिंह द्वारा इस्तीफा दिए जाने की खबर जमकर वायरल हो रही है। लेकिन हकीकत यह है कि डाक्टर पंचमसिहं द्वारा सीएमएचओ को बीएमओ को पद छोडऩे के लिए पत्र लिखा है। दरअसल एक मेडिकल ऑफिसर को बीएमओ का प्रभार दिया जाता है। वैसा ही मेडिकल आफिसर डॉ. पंचमसिहं को सामुदायिक स्वास्थय केन्द्र के बीएमओ का प्रभार सौंपा गया था और वे अब बीएमओ का प्रभार छोडऩा चाहते हंै जिसके लिए उन्हो्रंने सीएमएचओ को पत्र लिखा है और उनके द्वारा बीएमओ का प्रभार छोडऩे का कारण अपनी व्यस्तता को बताया है।
2. इस संबध में सीएमएचओ डाक्टर राजेश परिहार से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि डाक्टर पंचमसिंह द्वारा बीएमओ का प्रभार छोडऩे के लिए उन्हें पत्र लिखा गया है। जो उनके द्वारा जिला कलेक्टर को भेजा जा रहा है। उनके निर्देशो का पालन किया जाएगा। गौरतलब है कि यदि डाक्टर पंचमसिहं इस्तीफा देते हैं तो उन्हें अपने मेडिकल आफिसर पद से भी हटना पड़ेगा, अभी उनके द्वारा सिर्फ बीएमओ का प्रभार छोडऩे के लिए पत्र लिखा है।
– विधायक ने लिखा डाक्टर सेहरा भेजने के लिए पत्र:-
डॉ. पंचमसिंह के मुलताई अस्पताल में पदस्थ रहने के चलते अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू होने के स्थान पर दिनों दिन बिगड़ती जा रही है। जिसके चलते विधायक चन्द्रशेखर देशमुख ने बीते 14 मई को कलेक्टर एवं सीएमएचओ बैतूल को पत्र लिखकर अवगत कराया है कि सुचारू चिकित्सीय कार्य को द्वष्टिगत रखते हुए डॉ. पंचमसिहं को सीएमएचओ बैतूल द्वारा बीएमओ का प्रभार आदेश दिनांक 3 जुलाई 2024 के अनुसार सौंपा गया था। यदि वे बीएमओ का प्रभार छोड़ते हैं तो उन्हें अपने मूल स्थापना स्थल प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र चांदबेहड़ा विकास खंड सेहरा जाना होगा। यही नियम बोलता है वैसे भी विधायक चन्द्रशेखर देशमुख द्वारा लिखे पत्र में बताया कि डॉ. पंचमसिंह की बीएमओ के रूप में नियुक्ति के कारण अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाएं बिगड़ गई है। विधायक ने डॉ. पंचमसिंह को मुलताई से हटाकर अपने मूल पदस्थापना स्थल पर भेजे जाने के लिए पत्र लिखा है। वहीं उनके स्थान पर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बरखेड़ में पदस्थ डाक्टर गजेन्द्र मीणा को खंड चिकित्सा अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं। कुछ दिन पूर्व ही झोलाछाप डॉक्टर द्वारा इलाज करने के बाद बालिका की मौत का मामला भी तूल पकड़ रहा है और इसमें बीएमओ संदेह के घेरे में है। कहा जा रहा है कि जानकारी के बावजूद भी बीएमओ झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।