MP News : चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशियों को नहीं मिले थे बूथ एजेंट

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कांग्रेस की हार पर हुई बैठक में हुआ खुलासा

MP Newsभोपाल/बैतूल(ई-न्यूज) – चुनाव से फ्री होने के बाद अब कांग्रेस हार पर चिंतन-मनन करने में जुट गई है। कांग्रेस द्वारा किए जा रहे चिंतन में एक बड़ा खुलासा सार्वजनिक हुआ है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अधिकांश प्रत्याशियों ने बताया कि उन्हें चुनाव में सभी बूथ के लिए एजेंट तक नहीं मिल पाए थे, यह भी हार का बड़ा कारण बना। कल कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव हारे प्रत्याशियों के साथ मंथन किया था। इसके अलावा ज्यादातर ने हार का कारण राज्य सरकार की लाड़ली बहना योजना और जमीनी स्तर पर संगठन की जड़ें कमजोर होना बताया। कई प्रत्याशियों ने बताया कि उन्हें बूथ लेबल एजेंट भी नहीं मिले।

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वन-टू-वन की चर्चा | MP News

कुछ प्रत्याशियों ने बताया कि हिंदुत्व की राजनीति के कारण वोटिंग सिर्फ धर्म के नाम पर होने लगी है। संभागवार विधायकों और हारे प्रत्याशियों के साथ सुबह 10 बजे से देर रात तक बैठकों का सिलसिला चलता रहा। कांग्रेस के मप्र प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सभी 230 विधानसभा सीटों की जमीनी स्थिति पर बारी-बारी से चर्चा की। एआईसीसी के तीन सचिव शिव भाटिया, सीपी मित्तल और संजय कपूर भी बैठकों में शामिल रहे।

10 बिंदुओं पर लिया फीडबैक

हर विधायक और प्रत्याशी से एक तयशुदा फॉर्मेट में 10 बिंदुओं पर फीडबैक लिया है। सुझाव भी लिखित में दस्तखत के साथ लिए गए हैं। सबसे पहले ग्वालियर-चंबल संभाग की बैठक हुई, इसके बाद सागर, फिर रीवा, शहडोल, जबलपुर, नर्मदापुरम, उज्जैन, इंदौर और सबसे आखिर में रात में भोपाल संभाग की बैठक हुई। भोपाल शहर में कांग्रेस की हार-जीत की सबसे बड़ा धार्मिक आधार पर वोटिंग बताया गया है। विधायकों ने भी दावा किया कि लाड़ली बहना योजना नहीं होती तो उनकी जीत का मार्जिन कई गुना ज्यादा होता।

यह ली जानकारी | MP News

वर्तमान में संगठन की स्थिति। चुनावों में युवा कांग्रेस, महिला कांग्रेस, सेवादल, एनएसयूआई की सक्रियता। मंडलम, सेक्टर, बूथ के अध्यक्षों की चुनावों में भूमिका। प्रदेश में अन्य दलों की राजनीतिक स्थिति। विधानसभा, लोकसभा चुनाव में जिला व ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्षों की भूमिका। विधानसभा, लोकसभा चुनाव में हार के प्रमुख कारण।

बैतूल की पांचो सीटों पर कांग्रेस हारी

बैतूल जिले की पांचो सीट पर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा ।2018 में हुए विधानसभा चुनाव में बैतूल जिले की 5 सीटों में से चार सीटों पर कांग्रेस चुनाव जीती थी ,लेकिन 2023 के चुनाव में कांग्रेस का पूरे जिले में सुपड़ा साफ हो गया और पांचो सीट भाजपा के कब्जे में चली गई। साभार…