तीन विधायक हुए थे भाजपा में शामिल, सिर्फ एक ने दिया इस्तीफा
MP News – भोपाल – लोकसभा चुनाव के पहले मध्यप्रदेश की तीन विधानसभाओं के विधायकों ने कांग्रेस छोडक़र भाजपा का दामन थामा था। इन तीनों विधायकों में से सिर्फ एक विधायक ने ही इस्तीफा दिया था। बाकी दो विधायकों ने अभी तक इस्तीफा नहीं दिया जिसके कारण उनकी विधानसभाओं में उपचुनाव की घोषणा नहीं हो पाई है। इस्तीफा नहीं देने के पीछे विधायक निधि जारी ना होने का कारण सामने आया है। इस्तीफा नहीं देने वाले विधायकों का कहना है कि विधायक निधि से क्षेत्र का विकास होता है इसलिए इंतजार कर रहे हैं।
लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के तीन विधायकों भाजपा की सदस्यता ली थी। इनमें से अमरवाड़ा विधायक कमलेश शाह, बीना की विधायक निर्मला सप्रे और विजयपुर विधायक रामनिवास रावत शामिल है। अमरवाड़ा विधायक कमलेश शाह ने उसी समय विधायक पद से भी इस्तीफा दे दिया था जिसके कारण अमरवाड़ा विधानसभा क्षेत्र का उपचुनाव का कार्यक्रम आ गया है लेकिन दूसरे विधायक निर्मला सप्रे और रामनिवास रावत ने अभी तक विधायक पद से इस्तीफा नहीं दिया है जिसको लेकर राजनैतिक गलियारों में चर्चा चल रही है कि आखिर ये दोनों विधायक कब तक इस्तीफा देंगे।
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मिली जानकारी के मुताबिक सागर जिले की बीना से कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे ने पिछले महीने 5 मई को बीजेपी जॉइन कर ली थी। लोकसभा चुनाव के दौरान निर्मला ने कांग्रेस को करारा झटका दिया था। दलबदल के बाद भी उन्होंने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया। इस्तीफा नहीं देने के पीछे जो मीडिया में खबरें आ रही हैं उसमें बताया जा रहा है कि विधायक विकास निधि जारी होने के इंतजार में हैं। विधायकों को सालाना ढाई करोड़ रुपए विधायक निधि की राशि विकास कार्यों के लिए मिलती है। हालांकि विजयपुर विधायक ने इस्तीफा नहीं देने का ऐसा कोई कारण नहीं बताया।
मीडिया से चर्चा के दौरान कांग्रेस के एक विधायक ने बताया कि विधायक निर्वाचित होने के बाद लोकसभा के चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई थी। इस वजह से विधायक निधि जारी नहीं हो पाई है। अभी दो दिन पहले ये सूचना आई है कि राशि जारी हो गई है। इस राशि से क्षेत्र में विकास के काम हो सकेंगे।
वहीं बीना विधायक निर्मला सप्रे के बारे में बताया जा रहा है कि उन्होंने कांगे्रस इसलिए छोड़ी थी कि जहां सत्ता होती है वहीं विकास होता है और भाजपा पिछले 20 सालों से सत्ता में है। उनका यह मानना है कि वे पूरे लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस की इकलौती विधायक थीं। जिन्होंने मैंने अपने चुनाव के दौरान वादे किए थे कि वह जनता और किसानों के लिए काम करेंगी। लेकिन कांग्रेस की सरकार नहीं बनी और जनता से किए गए वायदे पूरे नहीं होने पा रहे थे इसलिए वे विकास की धारा में जुड़ी हैं। पत्रकारों ने जब उनसे पूछा कि आपने इस्तीफा क्यों नहीं दिया तो उन्होंने कहा कि अभी हम लोगों की विकास निधि आ रही है। लगभग एक करोड़ रुपए हमारे आ गए। हम चाहते हैं कि जनता को जो सौगात मिलना है पहले मैं वो दे दूं। इस्तीफा तो आज नहीं तो कल देना ही है। मैं विकास के साथ हूं। गौरतलब है कि शिवराज सिंह चौहान विदिशा लोकसभा सीट से सांसद चुने गए हैं इसलिए उन्हें अब बुदनी विधानसभा से इस्तीफा देना पड़ेगा और यहां पर उपचुनाव होगा। वहीं बीना और विजयपुर विधानसभा में भी विधायकों के इस्तीफे के बाद उपचुनाव होंगे।साभार
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