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MP News – पूर्व विधायकों को मकान खाली करने थमाए नोटिस

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प्रदेश के पूर्व विधायकों से बंगले खाली कराना बनी चुनौती

MP Newsभोपाल 2018 में चुनाव जीते 230 विधायकों में से लगभग 125 विधायक दुबारा विधानसभा नहीं पहुंच पाए हैं। इनमें बैतूल जिले के चारों कांग्रेस विधायक भी शामिल हैं। इन सभी के पास समाचार लिखे जाने तक भोपाल में विधायक विश्राम गृहों में सरकारी मकान आवंटित है। प्रदेश में विधानसभा का पहला सत्र हो चुका है और विधानसभा के बजट सत्र की तैयारियां शुरू होने वाली हैं। इस बीच विधानसभा सचिवालय के समक्ष विधायक विश्राम गृह के आवास खाली कराए जाने की चुनौती है। सचिवालय द्वारा आवास रिक्त करने को लेकर जितने पूर्व विधायकों को पत्र लिखे गए हैं उसमें से सिर्फ 23 ने ही अब तक आवास खाली किए हैं।

बैतूल के चारों पूर्व विधायक भी है शामिल | MP News

विधानसभा सचिवालय के अनुसार 2018 में बैतूल जिले से जीते चारों कांग्रेस विधायक अब विधानसभा में नहीं है। गौरतलब है घोड़ाडोंगरी विधानसभा सीट से चुनाव जीते ब्रम्हा भलावी को कांग्रेस ने चुनाव में टिकट नहीं दी थी इसलिए वे 3 दिसम्बर के पहले ही पूर्व विधायक हो गए थे। वहीं बैतूल के निलय डागा, मुलताई से सुखदेव पांसे, भंैसदेही के धरमूसिंह 2023 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशियों से चुनाव हार गए हैं। इसलिए इन चारों ही पूर्व विधायकों को विधायक के रूप में मिला सरकारी मकान खाली करना है इसको लेकर विधानसभा सचिवालय ने इन सभी पूर्व विधायकों को पत्र लिखे हैं लेकिन अभी तक इन चारों विधायकों ने मकानों की चाबी विधानसभा सचिवालय को नहीं सौंपी है।

भोपाल में है स्वयं के मकान

उद्योगपति एवं पूर्व विधायक निलय डागा के पास भोपाल में स्वयं का बंगला है और इसी बंगले से पूरे पांच साल उन्होंने विधायकी की और विधायक विश्राम गृह में आवंटित उनका मकान अन्य कार्यकर्ताओं के काम आता था। इसलिए उन्हें मकान खाली करने में कोई परेशानी नहीं होगी। इसी तरह से पूर्व मंत्री सुखदेव पांसे के पास भी भोपाल में मकान है। और 2013 में भी चुनाव हारने के बाद वे भोपाल के स्वयं के मकान में ही निवास करते आए हैं इसलिए उन्हें भी शासकीय मकान खाली करने में समस्या नहीं है। लेकिन जिले के दोनों आदिवासी विधायक रहे धरमूसिंह और ब्रम्हा भलावी को मकान खाली करके सामान बैतूल जिले के अपने-अपने निवास पर लाना होगा।

एक बंगले के लिए लगभग 4 दावेदार | MP News

इस बार विधानसभा चुनाव में बड़ी संख्या में 2018 में जीते कांग्रेस के विधायकों की हार हुई है। इसी तरह से कई विधायकों की चुनाव के पहले ही टिकिट काट दी गई थी। वहीं भाजपा ने भी नए उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था इनमें से अधिकांश चुनाव जीत गए हैं।अब सरकार को नए विधायकों को मकान आवंटित करना और पूर्व विधायकों से मकान खाली कराना चुनौती बन गया है। अब इसके लिए नोटिस की प्रक्रिया शुरू हो गई है। चुनाव जीतकर आए विधायकों के लिए आवास उपलब्ध कराना विधानसभा के लिए सिरदर्द बन गया है। वजह ये है कि अध्यक्षीय पूल के 34 में से 22 बंगले खाली हैं और इनके लिए 84 से ज्यादा विधायकों ने आवेदन दिए हैं। 74 बंगला स्थित पीसीसी चीफ जीतू पटवारी का बंगला चुनाव हार जाने के कारण खाली कराया जाना है।

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