Mp में पेट्रोल पंपों पर: मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में कुछ पेट्रोल पंपों पर मापतौल में जमकर हेराफेरी (rigging in petrol measurement) हो रही है। मीटर में गड़बड़ी करके वहां ग्राहकों को तगड़ा चूना लगाया जा रहा है। इस ओर देखने की जरूरत कोई नहीं समझ रहे। ऐसे ही एक मामले में एक उपभोक्ता ने 1400 रुपए का डीजल लिया, लेकिन वह हजार रुपए का भी नहीं निकला। ग्राहक द्वारा जागरूकता दिखाए जाने से इस गड़बड़ी का खुलासा हो सका।
Mp में पेट्रोल पंपों पर हो रही गड़बड़ी इसके लिए सरकार ने उठाये ठोस कदम ( The government has taken concrete steps for the disturbances happening at the petrol pumps in Mp.)

Mp में पेट्रोल पंपों पर हो रही गड़बड़ी इसके लिए सरकार ने उठाये ठोस कदम, 14.73 लीटर पेट्रोल भरवाया लेकिन उसमे 10 लीटर ही पाया गया
इस संबंध में बोरदेही निवासी राजू यदुवंशी ने जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने बोरदेही इटावा के पेट्रोल पंप से 1400 रुपए का डीजल लिया। इतनी राशि में 14.73 लीटर डीजल आना चाहिए था। वे हमेशा डीजल लेते हैं। इसलिए जब उन्होंने डीजल लेने के बाद केन देखी तो उसमें डीजल कुछ कम महसूस हुआ। इस पर उन्होंने पेट्रोल पंप पर मौजूद कर्मचारी से वहां रखे माप से उसे दोबारा मापने को कहा।कर्मचारी ने वहां रखे 10 लीटर के माप में केन से उस डीजल को भरा तो वह 10 लीटर का माप भी पूरी तरह से नहीं भर पाया। जाहिर है कि उन्हें लगभग 5 लीटर कम डीजल दिया गया था। सामने ही मापने का उन्होंने बाकायदा वीडियो भी बनाया। उसमें डीजल कम निकलने पर कर्मचारी यह सफाई देता भी नजर आ रहा है कि भीड़ अधिक होने के कारण यह गलती कम हो गई होगी। हालांकि यह बात समझ से परे हैं कि भीड़ अधिक होने से मीटर ने कम डीजल कैसे माप दिया। यदि भीड़ कम ज्यादा होने से मीटर पर भी असर होता है तो फिर कभी ज्यादा पेट्रोल या डीजल कैसे नहीं निकलता। Read Also: चलती ट्रैन के सामने आई महिला लेकिन फिर भी बच गयी जान, Station Master के इस बुद्धिमता से बची मासूम की जान, देखे
14.73 लीटर पेट्रोल भरवाया लेकिन उसमे 10 लीटर ही पाया गया ( Filled 14.73 liters of petrol but found only 10 liters in it.)

पेट्रोल पंप मालिक का यह है कहना This is what the petrol pump owner has to say
इस संबंध में पेट्रोल पंप मालिक भगवंत सिंह रघुवंशी का कहना है कि उनके पंप पर ग्राहकों के साथ किसी भी तरह की गड़बड़ी बिलकुल भी नहीं की जाती है। उक्त ग्राहक के साथ भी ऐसा कुछ नहीं हुआ बल्कि गलतफहमी के चलते ऐसा हुआ था। श्री रघुवंशी के मुताबिक पंप पर डीजल के लिए 3 केन रखी थी। एक 10 लीटर डीजल लेने वाले ग्राहक को इनकी केन दे दी गई थी और इन्हें 10 लीटर वाली केन भूल से दे दी गई थी। इनके वापस लौटने पर कर्मचारी द्वारा दूसरे ग्राहक से 5 लीटर डीजल के पैसे अतिरिक्त लिए गए और इन्हें पूरे 1400 रुपए का डीजल दिया गया। यदि कोई गड़बड़ी होती तो उसी नोजल से दूसरी बार में पूरी मात्रा का डीजल नहीं निकलता। इसलिए गड़बड़ी के आरोप पूरी तरह गलत हैं।
Mp में पेट्रोल पंपों पर हो रही गड़बड़ी इसके लिए सरकार ने उठाये ठोस कदम ( The government has taken concrete steps for the disturbances happening at the petrol pumps in Mp.)

माप तौल विभाग पर उठ रहे सवाल Questions arising on the measurement and weighing department
ऐसी गड़बड़ियों पर अंकुश लगाने के लिए वैसे तो बकायदा एक माप तौल विभाग भी हैं, लेकिन वह विभाग शायद ही कभी अपना काम मुस्तैदी से करते नजर आता है। विभाग केवल तौल कांटों और मीटरों पर सील लगाने की औपचारिकता भर पूरी करता है। सही माप तौल हो रही है या नहीं, इसकी औचक जांच करना भी विभाग का काम है पर विभाग कभी ऐसा करता नहीं दिखता। इसी तरह खाद्य विभाग के अधिकारी भी कभी पेट्रोल पंपों पर जांच पड़ताल करते नहीं दिखते।
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