MP Cough Syrup: मध्य प्रदेश के कई जिलों — छिंदवाड़ा, बैतूल और पांढुर्णा — में जहरीली खांसी की दवा पीने से अब तक 20 बच्चों की दर्दनाक मौत हो चुकी है। इस घटना ने पूरे प्रदेश में हड़कंप मचा दिया है। सरकार ने तुरंत एक्शन लेते हुए दवा कंपनी पर छापेमारी शुरू कर दी है। साथ ही, तमिलनाडु में स्थित कंपनी के मालिक की गिरफ्तारी के लिए टीम भेजी गई है।
डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल का बयान — लाइसेंस और सप्लाई की जांच जारी
प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि यह जांच का विषय है कि “600 बोतल कोल्ड सिरप कैसे बनी, और किसने उसका लाइसेंस दिया?” उन्होंने कहा कि जांच में यह भी देखा जा रहा है कि यह जहरीली दवा स्टॉकिस्ट तक और फिर रिटेलर तक कैसे पहुंची। दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
फार्मा कंपनी की लापरवाही आई सामने
मामले की जांच में यह सामने आया है कि तमिलनाडु के कांचीपुरम स्थित श्रीसेन फार्मास्यूटिकल कंपनी की घोर लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ। सरकार ने इस कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। साथ ही, पुलिस टीम कंपनी के मालिक की गिरफ्तारी के लिए रवाना हो चुकी है।
जाबालपुर से छिंदवाड़ा पहुंचीं जहरीली सिरप की 660 बोतलें
सरकारी जांच में पता चला है कि जाबालपुर से 660 बोतलें कोल्ड्रिफ खांसी की सिरप तीन अलग-अलग स्टॉकिस्ट को भेजी गई थीं। इनमें से 594 बोतलें आगे रिटेलर्स तक पहुंचीं। स्वास्थ्य विभाग ने 50 बोतलें फ्रिज में रखीं और 16 बोतलें सैंपल जांच के लिए भेजीं। छापेमारी में 437 बोतलें मेडिकल स्टोर्स से जब्त की गईं, जबकि 152 बोतलें पहले ही बिक चुकी थीं। यही बोतलें 20 मासूम बच्चों की मौत की वजह बनीं।
प्रशासन ने की बीमार बच्चों की सर्वे जांच
पारासिया क्षेत्र में प्रशासन ने घर-घर सर्वे कर 5,827 बच्चों की जांच की, जो सर्दी, खांसी और बुखार से पीड़ित थे। इनमें से 562 बच्चों को सिविल अस्पताल पारासिया के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया। 53 बच्चों को छिंदवाड़ा जिला अस्पताल और 5 बच्चों को नागपुर रेफर किया गया। अब तक 509 बच्चे ठीक हो चुके हैं।
सरकार की सख्ती और आगे की कार्रवाई
जिला प्रशासन लगातार सर्वे कर रहा है ताकि शेष 132 सिरप की बोतलें भी जब्त की जा सकें। सरकार ने स्पष्ट कहा है कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। स्वास्थ्य विभाग ने राज्यभर में सभी कोल्ड सिरप ब्रांड्स की जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।
मध्य प्रदेश में हुई इस जहरीली खांसी की सिरप कांड ने स्वास्थ्य व्यवस्था की लापरवाही को उजागर कर दिया है। सरकार अब सख्त कार्रवाई के मूड में है, ताकि भविष्य में ऐसे हादसे दोबारा न हों और बच्चों की जान सुरक्षित रहे।