अंजीर की खेती से कम मेहनत में होगा ज्यादा मुनाफा, एक बार लगाएं 40 साल तक होगी लपक कमाई। अंजीर एक छोटा लेकिन स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद फल है। इसे ताजा और सूखा दोनों तरीकों से खाया जाता है। किसानों के लिए इसकी खेती फायदेमंद है।
अंजीर की खेती में मुनाफा
एक बार अंजीर के पेड़ लगाने पर अगले 40 साल तक इससे कमाई हो सकती है। देश के कई राज्यों में अब किसान इसकी खेती कर रहे हैं और अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। इसकी खेती में कम लागत और ज्यादा आय होती है। आइए जानें अंजीर की खेती का सही तरीका, क्योंकि खेती का तरीका ही अच्छी पैदावार और मुनाफे को तय करता है।
अंजीर की खेती कैसे करें?
- खेत की तैयारी: सबसे पहले खेत की गहरी जुताई करें ताकि मिट्टी भुरभुरी हो जाए।
- पानी निकासी: खेत में पानी की निकासी का सही प्रबंध हो ताकि पानी रुके नहीं।
- पौधों की दूरी: 2.5-3 फीट गहरे गड्ढे खोदें और 5-6 मीटर की दूरी पर पौधे लगाएं।
- मिट्टी का चयन: दोमट और बलुई मिट्टी जिसमें pH 6.5-7.5 हो, अंजीर के लिए उपयुक्त है।
- खाद और उर्वरक: खेत को उपजाऊ बनाने के लिए जैविक खाद और वर्मी कम्पोस्ट डालें। एक एकड़ में 10-15 टन गोबर खाद, 50 किलो नाइट्रोजन, 40 किलो फॉस्फोरस और 60 किलो पोटाश डालें।
- मौसम और देखभाल: जून से अगस्त का समय पौधे लगाने के लिए बेहतर है। कटिंग या ग्राफ्टिंग के लिए दिसंबर-फरवरी का समय सही है।
- फलों की तुड़ाई: फरवरी से जून तक फलों की तुड़ाई करें।
अंजीर की खेती में संभावित उत्पादन
1 एकड़ में 200-250 पौधे लगाए जा सकते हैं। देखभाल के अनुसार 8-10 टन उत्पादन मिल सकता है।
अंजीर की बेहतरीन किस्में
- पुणे किस्म: गहरा बैंगनी रंग, रसदार और मीठा।
- मिशन: गहरे बैंगनी रंग का मीठा और मसालेदार फल।
- ब्राउन टर्की: हल्का मीठा, ताजा और सूखा दोनों रूप में पसंद किया जाता है।
- अंजीर की खेती के प्रमुख राज्य
- महाराष्ट्र (खासकर पुणे), आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, गुजरात और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में अंजीर की खेती की जाती है।