Mahakaal Lok: राष्ट्रपति ने गर्भगृह में पूजन कर महाकाल लोक देखा

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Mahakaal Lok: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उज्जैन में अपने संबोधन के दौरान कहा कि महाकाल की नगरी उज्जैन सदियों से भारतीय संस्कृति और सभ्यता का प्रतीक रही है। यह न केवल धार्मिक स्थल है, बल्कि कभी अंतरराष्ट्रीय व्यापार का केंद्र भी रहा है। उन्होंने अपनी जनसेवा यात्रा के शुरुआती दिनों को याद करते हुए कहा कि उन्होंने स्वच्छता अभियानों में सक्रिय भूमिका निभाई थी, और आज यह अभियान देशव्यापी स्तर पर अभूतपूर्व बदलाव ला चुका है।राष्ट्रपति ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के दूसरे चरण का लक्ष्य 2025 तक संपूर्ण स्वच्छता हासिल करना है। उन्हें यह जानकर गर्व हुआ कि मध्यप्रदेश के कई शहरों को सफाई मित्र सुरक्षित शहर घोषित किया गया है। उन्होंने कार्यक्रम के दौरान सफाई मित्रों को सम्मानित किया और अपने संबोधन की शुरुआत और अंत “जय महाकाल” के उद्घोष के साथ किया।

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उज्जैन-इंदौर सिक्स लेन हाईवे: सामाजिक और धार्मिक विकास की दिशा

कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि उज्जैन-इंदौर सिक्स लेन हाईवे से आध्यात्मिक और सांस्कृतिक नगरी उज्जैन तक आने वाले श्रद्धालुओं को अधिक सुविधाएं मिलेंगी, जिससे राज्य का पर्यटन, सामाजिक, और धार्मिक विकास होगा।मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि मध्यप्रदेश ने स्वच्छता अभियान में देशभर में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। इंदौर लगातार सात बार देश का सबसे स्वच्छ शहर बना है, और भोपाल को सबसे स्वच्छ राजधानी का खिताब मिला है, जो राज्य के लिए गौरव की बात है।

सफाई मित्रों का सम्मान

राष्ट्रपति ने उज्जैन के पांच सफाई मित्रों – अनीता चावरे, किरण खोड़े, शोभा घावरी, रश्मि टांकले, और गोपाल खरे को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया। इसके बाद उन्होंने महाकाल मंदिर में पंचामृत अभिषेक और महाकाल लोक का दर्शन किया।

उज्जैन-इंदौर सिक्स लेन हाईवे का महत्व

यह सिक्स लेन हाईवे 2028 में होने वाले सिंहस्थ महाकुंभ और अगले 25 साल की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए बनाया जा रहा है। फिलहाल इस रूट पर प्रतिदिन 25 हजार से अधिक वाहन चलते हैं, और सिक्स लेन बनने के बाद यह संख्या 60 हजार तक बढ़ने की संभावना है। इस हाईवे से न केवल ट्रैफिक का दबाव कम होगा, बल्कि इंदौर से उज्जैन तक की यात्रा का समय भी घटकर 35-40 मिनट रह जाएगा।

परियोजना की संरचना

इस परियोजना के तहत 3 फ्लाईओवर और 6 अंडरपास बनाए जाएंगे। 1692 करोड़ रुपये की लागत से यह प्रोजेक्ट मार्च 2028 तक पूरा हो जाएगा।

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