Magarmach Ki Kheti – इंटरनेट के इस दौर में हमें काफी कुछ रोचक चीजों के बारे में जानने मिलता है जिसे जानने के बाद हम काफी हैरान भी होते हैं। आज भी दुनिया में कई ऐसे देश हैं जिनकी अपनी अलग अलग खासियत हैं | ऐसे कुछ देशों में से एक है थाईलैंड जहाँ आज भी मगरमच्छ जैसे खूंखार जानवर की खेती की जा रही है वो भी काफी बड़े पैमाने पर। जी हाँ सही पढ़ा आपने मगरमच्छ की खेती।
यहाँ बड़े लेवल पर मगरमच्छों के लिए फार्महाउस बने हुए हैं। जहाँ पर मगरमच्छ का पालन किया जाता है। अब आप यही सोच रहे होंगे की आखिर ऐसी क्या वजह की इतने खूंखार जानवर को इतने बड़े पैमाने पर पाला जा रहा है। इस वजह से की जाती है मगरमच्छ की खेती
आपने अब तक सब्जियों खेती के बारे में सुना होगा तो कई तरह के अलग अलग फलों की खेती के बारे में भी आप सभी जानते होंगे। लेकिन ऐसे में थाईलैंड में बड़े पैमाने पर मगरमच्छों की खेती की जाती है. हैरान करने वाली बात तो यह है कि जितने बड़े पैमाने पर इन्हे पाला जाता है, उतने ही बड़े पैमाने पर काटा भी जाता है. यहां बड़ी संख्या में मगरमच्छों के स्लॉटर हाउस हैं, जहां इन्हें इनकी कीमती स्किन, मीट और ब्लड के लिए जिंदा काटा जाता है. थाईलैंड में मगरमच्छों के कई सबसे बड़े फर्म्स हैं. मगरमच्छ जैसे खूंखार जानवर के फार्म देखने के लिए बड़ी संख्या में यहां टूरिस्ट भी आते हैं.
Also Read – Kisan Ka Desi Jugaad – पेड़ पर चढ़ने किसान ने लगाई तकनीक, वायरल हुआ वीडियो
लम्बे समय से चल रही है खेती | Magarmach Ki Kheti
थाई फिशरी डिपार्टमेंट के मुताबिक यहां पर 1000 से ज्यादा फर्म में करीब 12 लाख मगरमच्छों को रखा जाता है. इन सभी फर्म्स में से श्री आयुथ्या क्रोकोडाइल फर्म थाईलैंड के सबसे बड़े फर्म में से एक है. जोकि पिछले करीब 35 से भी ज्यादा सालों से चल रहा है.
पूरी प्रक्रिया होती है लीगल
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फर्म कन्वेन्शन ऑन इंटरनेशनल ट्रेड इन इन्डैंगर्ड स्पीशीज ऑफ वाइल्ड फॉना एंड फ्लोरा से बा-कायदा रजिस्टर्ड है और वो लीगल तौर पर इन मगरमच्छों को काटते हैं. उन्हें मगरमच्छ से तैयार होने वाले प्रोडक्ट बनाने और एक्सपोर्ट करने की परमिशन मिली हुई है.
Also Read – Sher Ka Video – गली के कुत्तों ने बब्बर शेर को खदेड़ा, शिकार की तलाश में आया
काफी ज्यादा है कीमत | Magarmach Ki Kheti
मगरमच्छों के शरीर के कुछ हिस्सों से कई तरह की दवाएं तैयार की जाती हैं. इसके पित्त और खून को दवाओं में उपयोग किया जाता है. मगरमच्छ के खून की कीमत 1000 रुपये प्रति किलो है और पित्त की कीमत 76 हजार रुपये प्रति किलो है. वहीं, मगरमच्छ का मीट 570 रुपये प्रति किलो के भाव में बिकता है.
ये चीजें भी होती हैं तैयार
मगरमच्छ की स्किन से हैंडबैग लेदर सूट्स, बैल्ट्स जैस प्रोडक्ट बनाए जाते हैं. मगरमच्छ की स्किन से बने बैग्स की कीमत डेढ़ लाख रुपये (2356 डॉलर) तक होती है. वहीं, लेदर सूट्स की कीमत करीब 4 लाख रुपये (5885 डॉलर) होती है।
Your article helped me a lot, is there any more related content? Thanks!