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Lok Sabha Election – कांग्रेस में टिकट के दावेदारों के नाम आए सामने

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विस में करारी हार के बाद भी लोक सभा के लिए कई इच्छुक

Lok Sabha Electionबैतूललोकसभा चुनाव में 1996 से निरंतर हार का सामना कर रही कांग्रेस ने 1996 के बाद से हर चुनाव में उम्मीदवार बदला है इसके बावजूद कांग्रेस को सफलता प्राप्त नहीं हुई और जब से मोदी युग की शुरूवात हुई है तब से कांग्रेस का उम्मीदवार 3 लाख से अधिक मतों के अंतर से चुनाव हार रहा है। 2024 के चुनाव सामने हैं और भाजपा ने देश भर में लोकसभा उम्मीदवारों को लेकर चयन प्रक्रिया तेज कर दी है, वहीं कांग्रेस भी विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद से धीरे धीरे सक्रिय हो रही है। प्रदेश में कांग्रेस के नए अध्यक्ष वर्तमान समय में प्रदेश कार्यकारिणी के गठन को लेकर व्यस्त हैं।साथ ही लोकसभा की सभी 29 सीटों को लेकर कॉर्डिनेटर भी नियुक्त कर दिए है । बैतूल के लिए भोपाल के विधायक आरिफ मसूद को कॉर्डिनेटर बनाया है । जो कल बैतूल आ रहे है। और जिले के कांगेसियो के साथ बैठक भी करेंगे ।

कांग्रेस में कई प्रमुख आदिवासी नेता चुनाव लडऩे के इच्छुक दिखाई दे रहे हैं। राजनैतिक समीक्षकों का ऐसा मानना है कि भले ही चुनाव में करारी हार हो इसके बावजूद कांग्रेस में दावेदारों की संख्या कम नहीं होती है। क्योंकि टिकट मिलने से जहां नेता पार्टी की मुख्यधारा में बना रहता है वहीं चुनाव लडऩे के लिए मिलने वाली रसद में भी काफी कुछ बचत हो जाती है। ऐसे ही कुछ संभावित दावेदारों के संबध में ये समीक्षा दे रहे है।

रिकार्ड मतों से हारने के बावजूद रामू भी दौड़ में | Lok Sabha Election

बताया जा रहा है कि 2019 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस की टिकट पर 3 लाख 60 हजार 241 मतों के रिकार्ड अंतर से चुनाव हारने वाले कांग्रेस प्रत्याशी रामू टेकाम इस बार भी टिकट के इच्छुक बताए जा रहे हैं। विधानसभा चुनाव में भैंसदेही विधानसभा सीट से कांग्रेस की टिकट से वंचित रहे रामू टेकाम के पास फिलहाल लोकसभा चुनाव ही विकल्प बचा है। विधानसभा चुनाव के दौरान यह चर्चा जोरो पर थी कि भेसदेही के कांग्रेस प्रत्याशी ने रामू टेकाम के खिलाफ भीतरghat की शिकायत की थी यदि ऐसी कोई शिकायत हुई है तो तेकाम के नाम पर विचार नहीं होगा

दो बार के विधायक धरमूसिंह भी हो सकते उम्मीदवार

भैंसदेही विधानसभा सीट से 2008 में कांग्रेस की टिकट पर विधायक निर्वाचित हुए धरमूसिंह सिरसाम लो-प्रोफाइल में रहकर राजनीति करते हैं। 2018 में पुन: विधायक निर्वाचित हुए धरमूसिंह 2013 और 2023 में भी चुनाव लड़ चके हैं। इस बैतूल-हरदा, हरसूद संसदीय सीट की 8 विधानसभा में कांग्रेस की तरफ से आदिवासी वर्ग में धरमूसिंह सिरसाम सबसे वरिष्ठ नेता हो गए हैं। जिले में दो बार विधायक और चार बार विधानसभा चुनाव लडऩे वाले धरमूसिंह राज्य की राजनीति में भी कांग्रेस के किसी भी गुट से जुड़े नहीं माने जाते हैं इसलिए पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव में धरमूसिंह को भी चुनाव मैदान में उतार सकती है।

ब्रम्हा का भी दावा मजबूत | Lok Sabha Election

2018 में 17 हजार 927 वोटों के बड़े अंतर से घोड़ाडोंगरी, चिचोली विधानसभा सीट से कांग्रेस की सीट पर विधायक निर्वाचित हुए ब्रम्हा भलावी को सीटिंग एमएलए होने के बावजूद कांग्रेस ने 2023 के विधानसभा चुनाव के लायक नहीं समझा और उनकी टिकट काट दी। जबकि 2018 में जीते तीनों कांग्रेस विधायकों को पुन: टिकट दी थी। टिकट कटने के बावजूद ब्रम्हा भलावी ने ना तो पार्टी से विद्रोह किया और ना ही अपना असंतोष सार्वजनिक होने दिया। भोपाल के कांग्रेस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ब्रम्हा भलावी के नाम पर भी विचार कर रही है।

डॉ. काकोडिय़ा हो सकते उम्मीदवार

गांव-गांव में गांधी चौपाल लगाकर कांग्रेस की राजनीति में सक्रिय हुए युवा चिकित्सक एवं मिलनसार व्यक्तित्व के धनी डॉ. रमेश काकोडिय़ा ने घोड़ाडोंगरी विधानसभा क्षेत्र से 2023 में कांग्रेस से टिकट का दावा किया था। लेकिन उन्हें टिकट नहीं दी गई। इसके बावजूद उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार की जीत के लिए जी जान से मेहनत करी। आर्थिक रूप से संपन्न और जिले के विभिन्न क्षेत्रों में मदृभाषी चिकित्सक के रूप में विख्यात डॉ. रमेश काकोडिय़ा को 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी बनाए जाने के लिए प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख नेता विचार कर रहे हैं ऐसा सूत्रों का कहना है।

विधायक शाह को भी पार्टी दे सकती मौका | Lok Sabha Election

बैतूल लोकसभा सीट के हरदा जिले की टिमरनी विधानसभा सीट से 2023 का चुनाव जीते 35 वर्षीय अभिजीत शाह भी पिछले 6 वर्षों से कांग्रेस की राजनीति में सक्रिय हैं। और उन्होंने अपने चाचा और भाजपा प्रत्याशी संजय शाह को पराजित किया है। श्री शाह के पिता अजय शाह 2014 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस की टिकट पर लड़ चुके हैं। बैतूल लोकसभा सीट में 7 विधानसभाएं हैं। जिनमें बैतूल जिले की दो, हरदा जिले की एक और हरसूद सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। इन चार आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित सीटों में से कांग्रेस के पास एक मात्र टिमरनी सीट है। बताया जा रहा है कि यदि राहुल गांधी की मंशा के अनुसार कांग्रेस को युवा उम्मीदवार को चुनाव मैदान में उतारना हुआ तो टिमरनी विधायक अभिजीत शाह बैतूल संसदीय सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार हो सकते हैं। गौरतलब है कि इनके सगे चाचा विजय शाह हरसूद सीट से भाजपा विधायक है।

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