28 साल से कांग्रेस को नहीं मिली जीत
Lok Sabha Election – बैतूल – लोकसभा के 2024 में हुए 19 वें चुनाव में एक बार फिर भाजपा को रिकार्ड मतों से जीत मिली है। इन 19 चुनाव में 2008 का उपचुनाव शामिल है। और अभी तक हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 1952 से 1971 तक 5 चुनाव में लगातार जीत मिली। वहीं 1977 में पहली बार विपक्षी दल जनता पार्टी को जीत हासिल हुई। वहीं 1980, 1984 एवं 1991 में फिर कांग्रेस ने यह सीट प्राप्त करी। लेकिन 1996 से लगातार 28 वर्षों से यह सीट भारतीय जनता पार्टी के पास है और हर चुनाव में भाजपा उम्मीदवार की लीड बढ़ती रही है। इस बार भी भाजपा के डीडी उइके ने 3 लाख 79761 मतों से जीतकर कीर्तिमान बना दिया है। वहीं 6 महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव और इस लोकसभा चुनाव के बीच भाजपा और कांग्रेस के मतों में 1 लाख 60 हजार 564 मतों का अंतर बढ़ गया है।
28 वर्षों से कांग्रेस को नसीब नहीं हुई जीत | Lok Sabha Election
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1996 से लगातार 2024 तक कांग्रेस का हर उम्मीदवार बड़े अंतर से चुनाव हारा है। इसमें बाहरी से लेकर स्थानीय तक शामिल है। 1996 में असलम शेर खान, 1998 में डॉ. अशोक साबले, 1999 में गुफराने आजम, 2004 में राजेंद्र जायसवाल, 2008 (उपचुनाव) में सुखदेव पांसे, 2009 में ओझाराम इवने, 2014 में अजय शाह, 2019 और 2024 में रामू टेकाम कांग्रेस की टिकट पर असफल साबित हुए हैं।
6 माह में भाजपा का बढ़ा ग्राफ
नवम्बर 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में जिले की पांचों सीटों पर भाजपा उम्मीदवार निर्वाचित हुए थे। लेकिन उस समय इन पांचों उम्मीदवारों का अपने प्रतिद्वंदी कांग्रेस उम्मीदवार से जीत का अंतर कुल 54936 था। लेकिन यह अंतर 6 महीने के अंदर ही मई 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में बढक़र 1 लाख 60 हजार 564 हो गया है। इस लोकसभा चुनाव में जिले की पांचों विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार डीडी उइके कांग्रेस उम्मीदवार रामू टेकाम से 2 लाख 15 हजार 500 वोटों से आगे रहे थे। इस तरह से 6 महीने में ही भाजपा का ग्राफ तेजी से बढ़ा और उसी तेजी से कांग्रेस का ग्राफ नीचे गया। राजनैतिक समीक्षकों का मानना है कि मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार के 6 महीने के कामकाज और कांग्रेस संगठन की कमजोरी तथा कांगे्रसियों में चुनाव के प्रति उदासीनता भाजपा की बड़ी लीड का कारण बताया जा रहा है।
ऐसा रहा विस और लोस में अंतर | Lok Sabha Election
नवम्बर 2023 में बैतूल विधानसभा सीट से भाजपा के हेमंत खण्डेलवाल 15533 वोटों से चुनाव जीते थे। वहीं मई 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के डीडी उइके को बैतूल विधानसभा सीट से 69491 मतों की लीड मिली। इसी तरह से भैंसदेही विधानसभा सीट से भाजपा के महेंद्र सिंह 8230 मतों से जीतने का मौका मिला था। वहीं लोकसभा चुनाव में डीडी उइके इस सीट से 9779 वोटों से आगे रहे। आमला विधानसभा सीट से भाजपा के डॉ. योगेश पंडाग्रे 12118 वोटों से एमएलए बने थे। लोस चुनाव में भाजपा आमला से डीडी उइके को 52118 वोटों से आगे रहे। घोड़ाडोंगरी विधानसभा में गंगाबाई मात्र 4213 वोटों से चुनाव जीती थी। लेकिन 6 महीने में ही लोस चुनाव में यह लीड 26575 हो गई। इसी तरह से मुलताई सीट से भाजपा के चंद्रशेखर देशमुख 14842 मतों से चुनाव जीते थे। लेकिन लोकसभा में डीडी उइके ने 57537 मतों के बड़े अंतर से जीत दर्ज करी है।
इस तरह से बढ़े भाजपा के वोट
विधानसभा और लोकसभा चुनाव में जीत का अंतर तो बढ़ा ही है। और हर विधानसभा सीट से भाजपा सांसद ने जीत दर्ज की। लेकिन सर्वाधिक लीड का अंतर बैतूल विधानसभा में रहा जहां विधानसभा और लोकसभा के बीच 53958 वोट बढ़ गए। इसी तरह से घोड़ाडोंगरी में 22362, मुलताई में 42695, आमला में 40 हजार और भैंसदेही में 1549 भाजपा के वोट बढ़ गए। बढ़े हुए आंकड़े यह बता रहे हैं कि आगे आने वाले स्थानीय सहकारिता, पंचायत, नगरीय निकाय के चुनाव में भी भाजपा को मजबूत स्थिति में लाएंगे।
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