Lok Sabha Election | छिंदवाड़ा में रही धूम | बैतूल में नीरस

कमलनाथ को छिंदवाड़ा में ही रहने किया मजबूर

Lok Sabha Electionबैतूललोकसभा 2024 को लेकर जहां बैतूल में चुनाव नीरस दिखाई दे रहा है वहीं पड़ोसी जिले छिंदवाड़ा, होशंगाबाद और खण्डवा में चुनाव की धूम मची हुई है। प्रधानमंत्री से लेकर गृहमंत्री, प्रदेश के मुख्यमंत्री, कई मंत्री इन तीनों लोक सभा क्षेत्र में प्रचार के बाद ताबड़तोड़ दौरे कर भाजपा प्रत्याशी को जिताने के लिए जुटे हुए हैं। वहीं बैतूल को लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही उदासीन दिखाई दे रहे हैं। 28 मार्च को नामांकन और 8 अप्रैल को नाम वापसी के बाद 11 दिन बीत गए हैं लेकिन दोनों ही प्रत्याशियों के समर्थन में आमसभा तो दूर चुनाव प्रचार का वाहन तक दिखाई नहीं दिया है। वहीं कमलनाथ के जिले छिंदवाड़ा में भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी है।

कमलनाथ को छिंदवाड़ा तक किया सीमित | Lok Sabha Election

छिंदवाड़ा संसदीय सीट में एक अपवाद छोड़कर 1980 से कमलनाथ के परिवार का कब्जा बना हुआ है। लेकिन 2024 के इस चुनाव में पहली बार ऐसा देखने में आ रहा है कि कमलनाथ छिंदवाड़ा में मतदान तक संसदीय क्षेत्र को नहीं छोड़ पाए हैं और कमलनाथ जहां छिंदवाड़ा तक ही सीमित हो गए हैं वहीं उनका पूरा परिवार छोटे-छोटे ग्रामों में जाकर नुक्कड़ सभाएं लेने को मजबूर हो गया। गौरतलब है कि चुनाव में कमलनाथ के पुत्र नकुलनाथ दुबारा इस सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। और यहां पहले चरण में कल 19 अप्रैल को मतदान हैं। प्रचार के अंतिम दिनों में भी देश के गृहमंत्री और भाजपा के स्टार प्रचारक अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा तथा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भाजपा प्रत्याशी बंटी साहू के लिए मोर्चा संभाला। राजनैतिक समीक्षकों का मानना है कि इस बार छिंदवाड़ा का चुनाव परिणाम कमलनाथ को भारी पड़ सकता है।

बैतूल में ठण्डा लग रहा चुनाव

चुनाव प्रक्रिया पूर्ण हुए लगभग 11 दिन हो गए हैं और एक प्रत्याशी के असामयिक निधन के बाद 26 अप्रैल को होने वाला मतदान अब 7 मई को होगा। इसके बावजूद बैतूल संसदीय क्षेत्र में किसी भी पार्टी के उम्मीदवार का चुनाव प्रचार वाहन तक नहीं दिखाई दे रहा है। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम के एलईडी वाहन जरूर इक्का-दुक्का दिखाई दे रहे हैं। ना ही दोनों ही पार्टी के किसी स्टार प्रचारक के आने का अभी तक आने का कोई कार्यक्रम सामने आया है। यहां तक की भाजपा की ओर से प्रदेश सरकार का कोई मंत्री भी नहीं आया है। जबकि छिंदवाड़ा में मंत्रियों की फौज प्रचार कर चुकी हैं। कुल मिलाकर छिंदवाड़ा में जहां चुनाव की जितनी धूम मची हुई थी वहीं बैतूल में चुनाव उतना ही ठण्डा नजर आ रहा है। गौरतलब है कि बैतूल लोकसभा क्षेत्र में बैतूल की पांचों विधानसभा सीट, हरदा जिले की दोनों सीट और खण्डवा जिले की एक हरसूद सीट शामिल है।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नहीं दिख रहा उत्साह | Lok Sabha Election

पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता कमलनाथ हर संसदीय चुनाव में बैतूल के कांग्रेस उम्मीदवार का नामांकन भराने बैतूल पहुंचते थे जिससे पूरे जिले के कांग्रेसी नामांकन में बड़ी संख्या में उपस्थित होकर कांग्रेस प्रत्याशी के लिए माहौल बना देते थे। लेकिन इस बार भाजपा ने यह भी नहीं होने दिया। कमलनाथ छिंदवाड़ा में ऐसे फंसे की कांग्रेस उम्मीदवार के नामांकन में भी नहीं आ पाए। अब 19 तारीख को छिंदवाड़ा में मतदान होने के बाद अब बैतूल के आमला और हरदा के एक गांव में आमसभा लेने का कार्यक्रम तय हुआ है जिसके अनुसार 20 अप्रैल को सुबह 10 बजे आमला के चुटकी एवं हरदा जिले के मोरगड़ी में 11.45 बजे आमसभा लेंगे। इसके बावजूद चुनाव प्रचार में कांग्रेसियों में वो उत्साह नहीं दिखाई दे रहा है जो पहले हुआ करता था।