लोक सभा चुनाव के बाद मध्य प्रदेश में transfer की प्रक्रिया होगी शुरू, जल्द हटेंगे प्रतीबंध , छह महीने से लगे ट्रांसफर पर रोक हटने वाली है! 6 जून को लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने के बाद विभाग प्रशासनिक Gründen से तबादले कर सकेंगे. विभागों में इसकी तैयारियां भी शुरू हो गई हैं. हालांकि, विभाग अपनी मर्जी से तबादले नहीं कर पाएंगे. मुख्यमंत्री से अनुमति लेनी होगी क्योंकि ट्रांसफर नीति अभी जारी नहीं की गई है. ये मानसून सत्र के बाद जारी हो सकती है.
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मध्य प्रदेश में मतदाता सूची तैयार करने का कार्यक्रम घोषित होते ही तबादलों पर रोक लगा दी गई थी. चुनाव कार्य से जुड़े 65 हजार बूथ लेवल अफसरों, कलेक्टरों, कमिश्नरों, पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस अधीक्षक और कई संवर्गों के अधिकारियों-कर्मचारियों का तबादला चुनाव आयोग की अनुमति के बिना सरकार नहीं दे सकती थी.
इस दौरान सिर्फ वही अधिकारी-कर्मचारी ट्रांसफर किए गए जिन्हें प्रशासनिक दृष्टि से बहुत जरूरी था. 4 जून को मतगणना के बाद आचार संहिता हट जाएगी. इसके बाद विभाग सीधे मुख्यमंत्री को समन्वय प्रस्ताव भेजकर जरूरत के हिसाब से तबादले कर सकेंगे. हालांकि, अभी ये सीमित मात्रा में ही होंगे क्योंकि सामान्य तौर पर तबादलों पर रोक है, जब तक सरकार ट्रांसफर की नीति का ऐलान न कर दे.
सूत्रों का कहना है कि जुलाई में होने वाले विधानसभा के मानसून सत्र के बाद ट्रांसफर पर लगी रोक हट सकती है. वैसे भी मानसून के दौरान फील्ड गतिविधियां बंद रहती हैं. इस दौरान प्रशासनिक मंथन किया जाएगा. नीति में गंभीर बीमारी, प्रशासनिक, स्वैच्छिक और अन्य आधारों पर तबादलों को प्राथमिकता दी जाएगी. वहीं सामान्य प्रशासन, लोक निर्माण सहित अन्य विभागों ने तैयारी शुरू कर दी है.
जूनियरों को कार्यभार दिए जाने से नाराजगी
लोक निर्माण, जल संसाधन सहित अन्य विभागों में सीनियर अफसरों को दरकिनार कर जूनियर अफसरों को कार्यभार दिया गया है. इसे लेकर कर्मचारियों में रोष है. पिछले महीने जल संसाधन विभाग में किए गए संविदा नियुक्तियों के मामले तो कोर्ट तक पहुंच गए हैं.