Liquor policy case: केजरीवाल को जमानत:177 दिन बाद जेल से आएंगे बाहर 

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2 जून को केजरीवाल ने तिहाड़ जेल में किया था सरेंडर 

Liquor policy case: दिल्ली शराब नीति से जुड़े CBI केस में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शुक्रवार, 13 सितंबर को जमानत मिल गई है। इस जमानत के बाद वह 177 दिन जेल में बिताने के बाद रिहा होंगे। अदालत ने जमानत के लिए वही शर्तें लगाई हैं जो ईडी (ED) केस में बेल देते वक्त लागू की गई थीं।अरविंद केजरीवाल के खिलाफ दो जांच एजेंसियों, ईडी (ED) और सीबीआई (CBI), ने मामले दर्ज किए थे। ईडी मामले में उन्हें सुप्रीम कोर्ट से 12 जुलाई को जमानत मिल गई थी। इस फैसले के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) ने इसे सत्य की जीत करार दिया है।केजरीवाल को शराब नीति केस में एन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था, और बाद में 26 जून को CBI ने उन्हें जेल से हिरासत में लिया था।जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जवल भुईयां ने अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से संबंधित मामलों पर भिन्न दृष्टिकोण प्रस्तुत किए।

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जस्टिस सूर्यकांत का दृष्टिकोण:

यदि कोई व्यक्ति पहले से हिरासत में है, तो जांच के सिलसिले में उसे दोबारा गिरफ्तार करना गलत नहीं है। उन्होंने CBI की दलील का समर्थन किया कि जांच आवश्यक थी, इसलिए गिरफ्तारी हुई।उन्होंने कहा कि केजरीवाल की गिरफ्तारी अवैध नहीं है, और CBI ने किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया है।

जस्टिस उज्जवल भुईयां का दृष्टिकोण:

जस्टिस भुईयां ने CBI की गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब ED केस में जमानत मिलती है, तो CBI अचानक सक्रिय हो जाती है, जिससे गिरफ्तारी के समय पर प्रश्न खड़े होते हैं।उन्होंने कहा कि CBI को निष्पक्षता का प्रदर्शन करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि गिरफ्तारी में किसी प्रकार की मनमानी न हो। उन्होंने यह भी टिप्पणी की कि जांच एजेंसी को “पिंजरे में बंद तोते” की धारणा से बचना चाहिए, जो कि न्यायिक तंत्र में उनकी निष्पक्षता पर सवाल खड़े करता है।दोनों न्यायाधीशों के विचार इस मामले में जांच और गिरफ्तारी के संदर्भ में भिन्नता दिखाते हैं, एक पक्ष प्रक्रिया का समर्थन करता है जबकि दूसरा निष्पक्षता और समय पर सवाल उठाता है।शराब नीति केस में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अब तक कुल 156 दिन जेल में बिताए हैं। उन्हें 21 मार्च को ईडी (ED) द्वारा गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी के बाद, 10 दिन की पूछताछ के पश्चात, 1 अप्रैल को उन्हें तिहाड़ जेल भेजा गया।इसके बाद, केजरीवाल को 10 मई को 21 दिन के लिए लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत पर रिहा किया गया था। यह रिहाई उन्हें 51 दिन जेल में रहने के बाद मिली थी। इसके बाद, 2 जून को उन्होंने तिहाड़ जेल में फिर से सरेंडर कर दिया।आज, 13 सितंबर को अगर उनकी रिहाई होती है, तो वे कुल 177 दिन जेल में रहे होंगे। इसमें से 21 दिन उन्होंने अंतरिम जमानत पर बिताए, और शेष 156 दिन उन्होंने जेल में गुजारे।

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