इस पेड़ के पत्ते संजीवनी बूटी की तरह रोगों का करते हैं सूपड़ा साफ़, जानिए इसका नाम। शीशम का पेड़ औषधीय गुणों से भरपूर होता है। इस पेड़ के पत्ते बहुत ही लाभकारी और प्रभावी होते हैं।
आयुर्वेद में शीशम के पत्तों का बहुत महत्व है क्योंकि इसके पत्तों से कई औषधियां तैयार की जाती हैं, जो कई खतरनाक बीमारियों को जड़ से मिटाने में बहुत लाभकारी साबित होती हैं। शीशम के पत्तों में बहुत सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं।
शीशम के पत्तों के फायदे
शीशम के पत्ते एनीमिया जैसी समस्याओं में त्वरित राहत प्रदान करते हैं। शीशम का तेल शरीर के घावों को भरने में बहुत लाभकारी साबित होता है और शरीर पर जलन होने पर भी त्वरित राहत प्रदान करता है। शीशम के पत्तों में एंटी-बैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं जो वायरल बीमारियों से लड़ने में बहुत मददगार साबित होते हैं।
शीशम के पत्तों में पाए जाने वाले पोषक तत्व एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल, एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन बी और विटामिन डी जैसे अन्य तत्व बहुत अधिक मात्रा में मौजूद होते हैं जो बीमारियों को जड़ से ठीक करने में बहुत लाभकारी साबित होते हैं।
शीशम के पत्तों का उपयोग कैसे करें
शीशम का पेड़ बहुत उपयोगी और लाभकारी पेड़ होता है, इसके पत्तों का उपयोग पाउडर के रूप में किया जा सकता है। शीशम के पत्तों को सुखाकर पाउडर तैयार किया जाता है। इसके पत्तों का काढ़ा भी बनाया जा सकता है।
इसके काढ़े को सर्दी और खांसी के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है। शीशम का तेल त्वचा रोगों के लिए बहुत लाभकारी साबित होता है। इसके तेल का उपयोग त्वचा रोगों को ठीक करने के लिए किया जाता है।
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