कोबरा नाग का नाम सुनते ही शरीर में सिहरन दौड जाती है, लेकिन एक महाशय ऐसे भी हैं जिन्हें कोबरा सांप को चूमने का जुनून सवार हो गया था। इसके लिए उन्होंने सांप पकडने वाले को गुरु बनाया, उनसे सांप पकडने का हुनर सीखा और एक दिन ऐसा आया जब उन्होंने कोबरा सांप को चूम ही लिया। यह उनके जीवन का यादगर पल था, जिसे बाकायदा तस्वीर में सजाकर वे दुकान में लगाए हुए हैं। आइये जानते हैं कौन हैं ये महाशय!
25 साल में 10 हजार सांप पकडे अकील बाबा ने करीब 25 साल पहले सांप पकडने का काम प्रारंभ किया था, तब से लेकर आज तक करीब 10 हजार विभिन्न प्रजातियों के सांप, गुहेरे, गोह व अन्य विषैले जानकर पकड चुके हैं। सबसे अच्छी बात है अकील के हाथ से आज तक एक भी जीव का जीवन समाप्त नहीं हुआ है।
रॉबिन हुड कैप और डंडे के सहारे विषधर को काबू कर लेते हैं सागर के लिए अकील बाबा एक जाना पहचाना नाम है, शहर के रामपुरा वार्ड में रहने वाले व गोपालगंज में साइकल के पंक्चर जोडने वाले अकील बाबा को शहर के हर कोने में लोग जानते हैं। शहर तो ठीक आसपास के इलाकों यहां तक कि वन विभाग के इलाके में भी जब कोई बडा सांप निकल आता है तो अकील बाबा को याद किया जाता है। अकील खान सांप पकडने के लिए हरदम तैयार रहते हैं।
बेटे असद भी सीख गए सांप काबू में करना अकील खान 52 साल के हो गए हैं, अब उनके सहयोग के लिए उनके 20 वर्षीय बेटा असद खान भी तैयार हो गए हैं। पिता से प्रेरणा लेकर उन्होंने धीरे-धीरे कर सांप पकडना सीख लिया। शहर के कई इलाकों से वे रसल वाइपर सांप पकड चुके हैं, जो बेहद जहरीला व घातक होता है। असद अब तक कई दर्जन सांप पकड चुके हैं।