Kheti Kisani : इन मोटे अनाज की खेती से किसान भाई हो जाएंगे मालामाल, पहली बारिश के बाद करें बुवाई 

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यहाँ जाने खेती से जुडी पूरी प्रक्रिया 

Kheti Kisani – खरीफ की फसलों का समय आ गया है। इस सीजन में कुछ ऐसी फसलें हैं, जिनसे किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। इन फसलों की खेती में लगत कम होती है, जबकि कमाई अच्छी होती है। इन पांच छोटे अनाजों की खेती पहली बरसात के साथ शुरू होती है और लगभग सौ दिनों में तैयार हो जाती है। ये अनाज किसानों के लिए बड़ी मुनाफा कमाने का एक अच्छा विकल्प हैं।

टांगुन या कंगनी | Kheti Kisani

Kheti Kisani : इन मोटे अनाज की खेती से किसान भाई हो जाएंगे मालामाल, पहली बारिश के बाद करें बुवाई 

टांगुन या कंगनी एक मोटे अनाज की फसल है, जो 60 से 90 दिनों में तैयार हो जाती है। दूसरा नाम मडुआ है, और इसे बहुत अच्छी फसल माना जाता है। इसकी बाली गुच्छेदार होती है और यह 80 से 100 दिनों में पूरी तरह से तैयार हो जाती है। यह स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी होती है।

कोदा 

Kheti Kisani : इन मोटे अनाज की खेती से किसान भाई हो जाएंगे मालामाल, पहली बारिश के बाद करें बुवाई 

तीसरी फसल को कोदा के नाम से जाना जाता है। इसके दाने लाल रंग के होते हैं, लेकिन इसका बीज हल्के क्रीम रंग का होता है। यह भी खाने में बहुत स्वास्थ्यवर्धक होता है। ये फसल 65 से 100 दिनों में पूरी तरह से तैयार हो जाती है। चौथी फसल को रागी के नाम से भी जाना जाता है। इसकी फसल 85 से 110 दिनों में तैयार हो जाती है। इसका अधिकांश उपयोग बड़े-बड़े होटलों में खीर के रूप में किया जाता है।

छोटे अनाज में ये फसलें बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती हैं। आजकल इनकी मांग भी काफी है और बाजार में इन्हें सबसे महंगे दाम पर बेचा जाता है। इन छोटे अनाजों की खेती में खर्च न के बराबर आता है, जबकि मुनाफा बंपर होता है। इन्हें बिना रासायनिक खाद उर्वरक के उपयोग से भी खेती किया जा सकता है।

पहली बारिश के बाद करें बुवाई | Kheti Kisani 

इन फसलों को पहली बारिश के बाद बुवाई करें। लगभग 30 दिनों बाद एक बार निराई गुड़ाई करें। इसके बाद ये फसल स्वतः ही तैयार हो जाती है। एक बीघे में कम से कम 4 से 6 क्विंटल उत्पादन होता है। इससे न केवल अनाज प्राप्त होता है, बल्कि इसका खरपतवार भी पशुओं के चारे के रूप में उपयोगी होता है।

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