Search ई-पेपर ई-पेपर WhatsApp

असम में खुलेगा आईआईएम, लोगों को पढ़ाई या इलाज दूसरे राज्य नहीं जाना पड़ेगा

By
On:

नई दिल्ली। पूर्वोत्तर भारत के युवाओं के लिए संसद में असम में नए भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) की स्थापना से जुड़ा विधेयक पारित हो गया है। इस पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने खुशी जाहिर करते हुए इसे पूर्वोत्तर के लिए एक नए युग की शुरुआत बताया है। शाह ने एक्स पर पोस्ट में कहा कि पूर्वोत्तर, विशेषकर असम के युवाओं के लिए एक नया सवेरा आया है। संसद में असम में आईआईएम की स्थापना का बिल पारित होने पर मैं क्षेत्र की जनता को हार्दिक बधाई देता हूं।
उन्होंने लिखा- पीएम मोदी का सपना है कि पूर्वोत्तर को शिक्षा, स्वास्थ्य और उद्योगों का एक मजबूत केंद्र बनाया जाए। ऐसा केंद्र जहां लोगों को पढ़ाई या इलाज के लिए देश के दूसरे हिस्सों में पलायन न करना पड़े, बल्कि दूसरे राज्यों के लोग इस क्षेत्र में आएं और यहां की उत्कृष्ट सुविधाओं का लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर के लिए जो दृष्टिकोण तय किया गया था, वह अब हकीकत बन रहा है। अब यह क्षेत्र देश के प्रतिभाशाली युवाओं को कुशलता और पेशेवर योग्यता में विश्वस्तरीय बनाएगा।
बता दें केंद्र सरकार पिछले कुछ सालों से पूर्वोत्तर राज्यों में बुनियादी ढांचे, कनेक्टिविटी, पर्यटन और शिक्षा के क्षेत्र में कई बड़े कदम उठा चुकी है। अब इस नए आईआईएम की शुरुआत के साथ यह साफ है कि सरकार पूर्वोत्तर को भारत के विकास पथ में एक सक्रिय और प्रभावशाली भागीदार बनाना चाहती है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एक्स पर लिखा- संसद में यह बिल पारित होने के साथ असम को गुवाहाटी में अपना पहला आईआईएम मिल गया है। पीएम मोदी द्वारा असम के व्यापक विकास के लिए केंद्र सरकार, असम सरकार और उल्फा के बीच हुए त्रिपक्षीय समझौते के परिणामस्वरूप परिकल्पित, आईआईएम गुवाहाटी उच्च शिक्षा में क्षेत्रीय असमानताओं को दूर करेगा, विश्व स्तरीय प्रबंधन शिक्षा और अनुसंधान को सुगम बनाएगा। उन्होंने लिखा- हिमंत बिस्वा सरमा और असम के मेरे प्रिय बहनों और भाइयों को एक और वादा पूरा होने पर बधाई।

For Feedback - feedback@example.com
Home Icon Home E-Paper Icon E-Paper Facebook Icon Facebook Google News Icon Google News