How Spider Make Web – अक्सर घर की सफाई करते वक़्त हमें मकड़ी के जाले दिखाई देते हैं अक्सर ये काफी उलझे हुए होते हैं। आपने कई जगह मकड़ी के जले देखे होंगे। वास्तु के हिसाब से मकड़ी का जाला घर में होना अशुभ माना जाता है। इसीलिए अक्सर हम इसे अपने घरों से हटा देते हैं। अब एक तरफ जहाँ आप ये जले हटाते हैं वहीं दोबारा जाले नजर आने लगते है। अब ये तो सोचने वाली बात है की आखिर कैसे एक छोटी सी मकड़ी अपने अंदर इतना सारा जाल समेटे हुए है। और कैसे मकड़ी इसे प्रोडूस कर लेती है।
ऐसे बनाती है मकड़ी जाला | How Spider Make Web
मकड़ी अपना जाल बुनने के लिए एक ऐसे पदार्थ का इस्तमाल करती है जो उसी के शरीर से निकलता है। ऐसे तो ये पदार्थ दिखने में रेशम जैसा होता है। जोकि प्रोटीन से बना हुआ धागे जैसा पदार्थ होता है। मकड़ियां अपने शरीर में मौजूद रेशम ग्रंथियों से इसे बाहर निकालती हैं। अलग अलग तरह की मकड़ियों में अलग अलग ग्रंथियां पाई जाती हैं जैसे किसी में 7 तो किसी में 3 | मकड़ी के मुँह से निकलते वक़्त तो ये लिक्विड फॉर्म में ही होता है लेकिन हवा के सम्पर्क में आते ही ये सूखकर धागे का रूप लेलेता है। जिससे की मकड़ी अपना जाल बुनती है।
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प्राकृतिक रेशों में सबसे मजबूत
आपको बता दें कि स्पाइडर सिल्क जिससे मकड़ी अपना जाला बनाती हैं, वह अब तक के ज्ञात सभी प्राकृतिक रेशों में सबसे ज्यादा मजबूत माना जाता है. कुछ वैज्ञानिक शोध तो यहां तक बताते हैं कि कई ऐसी मकड़ियां भी हैं जिनका जाल इतना ज्यादा मजबूत होता है कि उसमें बड़े-बड़े पक्षी भी आकर फंस जाते हैं.
इस तरह मकड़ी बुनती है जाल | How Spider Make Web
मकड़ियां अपना जाल बनाने के लिए सबसे पहले अपने शरीर के अंदर से स्पाइडर सिल्क निकालती हैं. इसके बाद इन्हें बुनने का काम मकड़ियों के स्पिनरेट करते हैं. स्पिनरेट उन्हें कहा जाता है जो मकड़ियों के हाथ के जैसे लगते हैं. इसी के सहारे वह अपना पूरा जाल फटाफट बुनती हैं.
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जाल में बुनने का मुख्य उद्देश्य
मकड़ियां जो जाल बुनती हैं उसका उद्देश्य सिर्फ इतना नहीं होता है कि उन्हें वहां सिर्फ रहना है. बल्कि उनके जाल का मुख्य उद्देश्य होता है अपने भोजन को इसके सहारे प्राप्त करना. दरअसल, जब यह मकड़ियां अपना जाल बुनती हैं तो कई बार कीट पतंगे इसमें आकर फंस जाते हैं और उसके बाद मकड़ी इन पर हमला कर देती है और इन्हें अपने जाल से पूरी तरह से बांध देती है. इसके बाद धीरे-धीरे वह इनको खाकर अपना पेट भरती है.